-भांग के पकोड़े तो बाजार में वर्षों से बेचे जा रहे हैं, मगर अब भांग और अफीम की लस्सी और आइसक्रीम भी मिलने लगी हैं, कई होटलों, रेस्तरां और दुकानों पर युवा आसानी से खरीद रहे हैं
-डी.के. पुरोहित
जोधपुर. सूर्यनगरी में वर्षों से भांग के पकोड़े मिल रहे हैं, मगर अब बाजार में भांग व अफीम की लस्सी और आइसक्रीम भी मिलने लगी है। युवा इसे खूब पसंद करते हैं। यही नहीं देशी-विदेशी सैलानियों को भी यह खूब पसंद है। हालांकि इसकी बिक्री खुल्लेआम तो नहीं हो रही है, मगर जो रोज के ग्राहक होते हैं उन्हें ये आसानी से मिल जाती है। विदेशी सैलानियों को लपके यह उपलब्ध करवाते हैं। भांग की लस्सी की स्टोरी तो कई बार टीवी चैनलों पर भी दिखाई गई है, मगर अब अफीम मिली लस्सी और आइसक्रीम भी मिलने लगी है। हालांकि यह बेचना अपराध है, मगर फिर भी बेची जा रही है।
भांग की लस्सी 50 रुपए और आइसक्रीम 80 रुपए में
बाजार में भांग की लस्सी कम से कम 50 रुपए में मिल जाती है। यही नहीं आइसक्रीम 80 रुपए से मिलनी शुरू होती है। जोधपुर में ही नहीं अन्य पर्यटन स्थलों पर भी यह मिलने लगी है।
अफीम की लस्सी 150 रुपए व आइसक्रीम 200 रुपए में
बाजार में अफीम की लस्सी 150 रुपए में व आइसक्रीम 200 रुपए में मिलती है। जोधपुर के भीतरी शहर में भी इस प्रकार की लस्सी और आइसक्रीम खरीदी जा सकती है। इस तरह की लस्सी और आइसक्रीम के ग्राहक चुनींदा है। ये चुनींदा ग्राहक ही दूसरों को भी लस्सी और आइसक्रीम उपलब्ध करवा सकते हैं। विदेशी सैलानियों को लपके अफीम के फायदे बताते हुए इस प्रकार की लस्सी और आइसक्रीम उपलब्ध करवाते हैं।
युवाओं की पसंद आइसक्रीम
अफीम और भांग की आइसक्रीम युवाओं की पसंद है। कई युवा तो इसका सप्ताह में दो-तीन बार सेवन करते हैं। शाम होते ही युवा अपने ठिकाने पहुंच जाते हैं और अफीम व भांग की आइसक्रीम खरीदते हैं। अभिजात्य वर्ग के युवाओं को यह विशेष रूप से पसंद है। युवा सैलानी भी इसे चाव से खाते हैं।
रियाण में भी मनुहार
अफीम की रियाण मारवाड़ में आमतौर पर होती है। चाहे गमी का अवसर हो या खुशी का, अफीम की मनुहार होती है। इसे स्थानीय भाषा में रियाण कहते हैं। इस रियाण में अब अफीम की लस्सी और आइसक्रीम परोसी जा रही है। इससे लोगों को शक भी नहीं होता और कानून का भी डर नहीं रहता।
-डी.के. पुरोहित
जोधपुर. सूर्यनगरी में वर्षों से भांग के पकोड़े मिल रहे हैं, मगर अब बाजार में भांग व अफीम की लस्सी और आइसक्रीम भी मिलने लगी है। युवा इसे खूब पसंद करते हैं। यही नहीं देशी-विदेशी सैलानियों को भी यह खूब पसंद है। हालांकि इसकी बिक्री खुल्लेआम तो नहीं हो रही है, मगर जो रोज के ग्राहक होते हैं उन्हें ये आसानी से मिल जाती है। विदेशी सैलानियों को लपके यह उपलब्ध करवाते हैं। भांग की लस्सी की स्टोरी तो कई बार टीवी चैनलों पर भी दिखाई गई है, मगर अब अफीम मिली लस्सी और आइसक्रीम भी मिलने लगी है। हालांकि यह बेचना अपराध है, मगर फिर भी बेची जा रही है।
भांग की लस्सी 50 रुपए और आइसक्रीम 80 रुपए में
बाजार में भांग की लस्सी कम से कम 50 रुपए में मिल जाती है। यही नहीं आइसक्रीम 80 रुपए से मिलनी शुरू होती है। जोधपुर में ही नहीं अन्य पर्यटन स्थलों पर भी यह मिलने लगी है।
अफीम की लस्सी 150 रुपए व आइसक्रीम 200 रुपए में
बाजार में अफीम की लस्सी 150 रुपए में व आइसक्रीम 200 रुपए में मिलती है। जोधपुर के भीतरी शहर में भी इस प्रकार की लस्सी और आइसक्रीम खरीदी जा सकती है। इस तरह की लस्सी और आइसक्रीम के ग्राहक चुनींदा है। ये चुनींदा ग्राहक ही दूसरों को भी लस्सी और आइसक्रीम उपलब्ध करवा सकते हैं। विदेशी सैलानियों को लपके अफीम के फायदे बताते हुए इस प्रकार की लस्सी और आइसक्रीम उपलब्ध करवाते हैं।
युवाओं की पसंद आइसक्रीम
अफीम और भांग की आइसक्रीम युवाओं की पसंद है। कई युवा तो इसका सप्ताह में दो-तीन बार सेवन करते हैं। शाम होते ही युवा अपने ठिकाने पहुंच जाते हैं और अफीम व भांग की आइसक्रीम खरीदते हैं। अभिजात्य वर्ग के युवाओं को यह विशेष रूप से पसंद है। युवा सैलानी भी इसे चाव से खाते हैं।
रियाण में भी मनुहार
अफीम की रियाण मारवाड़ में आमतौर पर होती है। चाहे गमी का अवसर हो या खुशी का, अफीम की मनुहार होती है। इसे स्थानीय भाषा में रियाण कहते हैं। इस रियाण में अब अफीम की लस्सी और आइसक्रीम परोसी जा रही है। इससे लोगों को शक भी नहीं होता और कानून का भी डर नहीं रहता।
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