गीत : डी.के. पुरोहित
ये दिल तेरी याद में
न आंसू बहाएगा
दर्द की जुबां जो समझे
वो गीत गुनगुनाएगा
सुर हमारे साथी हैं
यह आत्मा की आवाज़ है
गीतों को जो दे जन्म
वो भाव-संवेदना साज है
तुमने नई पहचान दी थी
अब कौन राह दिखाएगा
ये दिल तेरी याद में
न आंसू बहाएगा
छा गया अंधकार तो
एक दीया जला देंगे
सृष्टि के निर्माण को
बीज मिटटी में गला देंगे
कृति जब आकार लेगी
रूप साकार हो जाएगा
ये दिल तेरी याद में
न आंसू बहाएगा
आसमां के आंगन में
तारों की बारात है
चांदनी के आगोश में
चांद से मुलाकात है
हर सपना सजा कला से
रोशनी की राह दिखाएगा
ये दिल तेरी याद में
न आंसू बहाएगा।
ये दिल तेरी याद में
न आंसू बहाएगा
दर्द की जुबां जो समझे
वो गीत गुनगुनाएगा
सुर हमारे साथी हैं
यह आत्मा की आवाज़ है
गीतों को जो दे जन्म
वो भाव-संवेदना साज है
तुमने नई पहचान दी थी
अब कौन राह दिखाएगा
ये दिल तेरी याद में
न आंसू बहाएगा
छा गया अंधकार तो
एक दीया जला देंगे
सृष्टि के निर्माण को
बीज मिटटी में गला देंगे
कृति जब आकार लेगी
रूप साकार हो जाएगा
ये दिल तेरी याद में
न आंसू बहाएगा
आसमां के आंगन में
तारों की बारात है
चांदनी के आगोश में
चांद से मुलाकात है
हर सपना सजा कला से
रोशनी की राह दिखाएगा
ये दिल तेरी याद में
न आंसू बहाएगा।
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