गीत : डी.के. पुरोहित
मिले चांद का साथ तभी
तारों का सपना पूरा है
तेरे होंठ ना छुए तो
मेरा हर गीत अधूरा है
यह भावों की दुनिया है
मैं बाती तुम दीया हो
इसी जगत से उर्जा पाते
इस नाव के तुम्ही खिवैया हो
तेरे होंठ ना छुए तो
मेरा हर गीत अधूरा है
तेरी मरजी से ये सपने
तुझसे चलता ये संसार
तुम्ही से चंद सांसे लेकर
मैने लिया जीवन उधार
तेरे होंठ ना छुए तो
मेरा हर गीत अधूरा है
तुम गाती हो तब ही
मैं लिख पाता हूं गीत
जीवन की इस रणभूमि में
तुमसे ही है मेरी जीत
तेरे होंठ ना छुए तो
मेरा हर गीत अधूरा है
मिले चांद का साथ तभी
तारों का सपना पूरा है
तेरे होंठ ना छुए तो
मेरा हर गीत अधूरा है
यह भावों की दुनिया है
मैं बाती तुम दीया हो
इसी जगत से उर्जा पाते
इस नाव के तुम्ही खिवैया हो
तेरे होंठ ना छुए तो
मेरा हर गीत अधूरा है
तेरी मरजी से ये सपने
तुझसे चलता ये संसार
तुम्ही से चंद सांसे लेकर
मैने लिया जीवन उधार
तेरे होंठ ना छुए तो
मेरा हर गीत अधूरा है
तुम गाती हो तब ही
मैं लिख पाता हूं गीत
जीवन की इस रणभूमि में
तुमसे ही है मेरी जीत
तेरे होंठ ना छुए तो
मेरा हर गीत अधूरा है
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