गीत : डी.के. पुरोहित
ऐ मेरे दिल तूं
न घबरा गम से
खुशी भी कभी
बरसेगी छम से
इंतजार का मजा है
जिसमें प्रभु की रजा है
तूं बेवजह क्यों दे रहा
अपने मन को सजा है
बदलेगा तूं इक दिन
दुनिया अपने दम से
ऐ मेरे दिल तूं
न घबरा गम से
अकेलापन खलता है
दोस्त ही यहां छलता है
याद रख आस्तीन में
यहां रोज सांप पलता है
मिटेगी नहीं हस्ती
किसी के सितम से
ऐ मेरे दिल तूं
न घबरा गम से
रास्ता मिलेगा, मंजिल मिलेगी
दुनिया तेरी राह चलेगी
छूट गए जो मीत
उनकी कमी सदा खलेगी
दुनिया का सच जान
निकल जा अब भ्रम से
ऐ मेरे दिल तूं
न घबरा गम से।
ऐ मेरे दिल तूं
न घबरा गम से
खुशी भी कभी
बरसेगी छम से
इंतजार का मजा है
जिसमें प्रभु की रजा है
तूं बेवजह क्यों दे रहा
अपने मन को सजा है
बदलेगा तूं इक दिन
दुनिया अपने दम से
ऐ मेरे दिल तूं
न घबरा गम से
अकेलापन खलता है
दोस्त ही यहां छलता है
याद रख आस्तीन में
यहां रोज सांप पलता है
मिटेगी नहीं हस्ती
किसी के सितम से
ऐ मेरे दिल तूं
न घबरा गम से
रास्ता मिलेगा, मंजिल मिलेगी
दुनिया तेरी राह चलेगी
छूट गए जो मीत
उनकी कमी सदा खलेगी
दुनिया का सच जान
निकल जा अब भ्रम से
ऐ मेरे दिल तूं
न घबरा गम से।
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