Saturday, 11 January 2014

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आया नहीं वो वक्त जिसका इंतजार था

कविता : राखी पुरोहित



वक्त के भरोसे जिंदगी गुजार दी
आया नहीं वो वक्त 
जिसका इंतजार था
कैसे कह दूं तुझे पुकारा नहीं
आखिरी सांस तक 
तुझसे ही प्यार था

उनकी तमन्ना थी हाल-ए-दिल
बयां हम करें
आरजू थी मेरी पहल वो करे
पता नहीं दिल में 
कैसा खुमार था
आया नहीं वो वक्त
जिसका इंतजार था

खता न थी उनकी तो
दोष फिर क्या देते
हम पर न जाने छाया 
कैसा गुमान था
चाहते थे मौन रहना
दिल में इकरार था
आया नहीं वो वक्त 
जिसका इंतजार था

जानते थे हम बेवफा नहीं है वो
कह न पाए कुछ
पर, खफा नहीं है वो
उनको भी प्यार हमसे 
बेसुमार था
आया नहीं वो वक्त 
जिसका इंतजार था। 

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