गीत : डी.के. पुरोहित
आसमां के आंगन से
टूटा एक सितारा
चाँद खूब उदास हुआ
रात भर रोया बेचारा
खुशियां गम की परछाई हैं
जीवन धूप-छांव हैं
समय के शरीर पर
इतिहास के अनगिन घाव है
भविष्य को संवारने
वर्तमान बाजी हारा
आसमां के आंगन से
टूटा एक सितारा
चाँद खूब उदास हुआ
रात भर रोया बेचारा
जब-जब मन ने उड़ान भरी
दिशाओं ने भ्रमजाल फैलाया
बादलों ने शोर मचाया
हवा ने तांडव रूप दिखाया
घायल पंछी रहा तड़पता
कहीं से ना मिला सहारा
आसमां के आंगन से
टूटा एक सितारा
चंद खूब उदास हुआ
रात भर रोया बेचारा
आसमां के आंगन से
टूटा एक सितारा
चाँद खूब उदास हुआ
रात भर रोया बेचारा
खुशियां गम की परछाई हैं
जीवन धूप-छांव हैं
समय के शरीर पर
इतिहास के अनगिन घाव है
भविष्य को संवारने
वर्तमान बाजी हारा
आसमां के आंगन से
टूटा एक सितारा
चाँद खूब उदास हुआ
रात भर रोया बेचारा
जब-जब मन ने उड़ान भरी
दिशाओं ने भ्रमजाल फैलाया
बादलों ने शोर मचाया
हवा ने तांडव रूप दिखाया
घायल पंछी रहा तड़पता
कहीं से ना मिला सहारा
आसमां के आंगन से
टूटा एक सितारा
चंद खूब उदास हुआ
रात भर रोया बेचारा
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