Thursday, 10 July 2014

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बाल कविता



सुनो क्या कहती है हवाएं

सुनो क्या कहती है हवाएं
घटायें छाने वाली है
सुनो क्या कहती है हवाएं
बारिश बरसने वाली है
कृषक ने हल उठाये हैं
फिर सपने सजाए हैं
धरती की पूरी होगी आशा 
सरवर कोई रहे न प्यासा
हरियाली का दामन थाम
झूम उठें वृक्ष और लताएं
सुनो क्या कहती है हवाएं
बरसने वाली है घटायें। 

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