चांद से बातें करना
कितना प्यारा लगता
चांद से बातें करना
काश बोल वह पाता
दही भात खा जाता
कभी पूछता फुरसत में
चांदनी का राज
और अमावस को आने में
क्यों आती है लाज
घटने-बढ़ने की भाषा का
प्रश्न उठाता
तारों पर शासन करने का
रहस्य चुराता
लेकिन चांद उदास है
बातें ना आती रास है
कितना प्यारा लगता
अगर चांद बोल सकता।
कितना प्यारा लगता
चांद से बातें करना
काश बोल वह पाता
दही भात खा जाता
कभी पूछता फुरसत में
चांदनी का राज
और अमावस को आने में
क्यों आती है लाज
घटने-बढ़ने की भाषा का
प्रश्न उठाता
तारों पर शासन करने का
रहस्य चुराता
लेकिन चांद उदास है
बातें ना आती रास है
कितना प्यारा लगता
अगर चांद बोल सकता।
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