एसोसिएशन ने बैठक आयोजित की, सांसद को भी ज्ञापन सौंपा
जोधपुर एक हजार रुपए से ज्यादा मूल्य के हर हस्तशिल्प उत्पाद पर सरकार 5 फीसदी टैक्स लेगी। इसके विरोध में जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट निर्यातक व मैन्यूफेक्चर विरोध करने लगे हैं। बजट से लेकर अब तक इन निर्यातकों ने सरकार से संपर्क कर इस कर से मुक्ति दिलवाने की मांग की थी, लेकिन अब वे विरोध पर उतरने लगे हैं। बुधवार को जोधपुर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन की ओर से इस विरोध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में तय किया गया कि जब तक टैक्स नहीं हटाया जाता विरोध जारी रहेगा। शुक्रवार को निर्यातक मौन जुलूस निकालेंगे। उधर, निर्यातकों ने सांसद गजेंद्रसिंह शेखावत को ज्ञापन सौंप मांग से अवगत भी करवाया।
बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष निर्मल भंडारी ने बजट में हैंडीक्राफ्ट पर लगाए गए 5 प्रतिशत वैट के निर्णय को गलत बताया। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार नए उधोगों को विकसित करने व राज्य को उघोग हब बनाने पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी तरफ राजस्थान कुटीर और सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा अर्जित करवाने वाले हस्तशिल्प उघोग पर वैट लगा दिया है।
कल मौन जुलूस: बैठक में यह निर्णय लिया कि 25 जुलाई को मौन जुलूस निकाल कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। साथ ही एक दिन के लिए अपना काम काज बंद रखेंगें । एसोसिएशन के सचिव डॉ. भरत दिनेश ने कहा कि प्रतिवर्ष 4 हजार करोड़ का हैंडीक्राफ्ट निर्यात होता है। जिसमे से 60 प्रतिशत एक्सपोर्ट लकड़ी के हस्तशिल्प उद्योग का होता है । इस पर राज्य सरकार ने वेट लगाकर न सिर्फ जोधपुर बल्कि संपूर्ण राजस्थान से हस्तशिल्प निर्यात को भारी झटका पहुंचाया है । इस अवसर पर राधेश्याम सिंघल, विश्वनाथ बंसल, महावीर जैन, पंकज भंडारी , पवन मेहता, जेपी जैन, मनोज बोथरा, राहुल भंडारी, संदीप मेहता व अन्य सहित कई निर्यातक मौजूद थे।
जोधपुर एक हजार रुपए से ज्यादा मूल्य के हर हस्तशिल्प उत्पाद पर सरकार 5 फीसदी टैक्स लेगी। इसके विरोध में जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट निर्यातक व मैन्यूफेक्चर विरोध करने लगे हैं। बजट से लेकर अब तक इन निर्यातकों ने सरकार से संपर्क कर इस कर से मुक्ति दिलवाने की मांग की थी, लेकिन अब वे विरोध पर उतरने लगे हैं। बुधवार को जोधपुर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन की ओर से इस विरोध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में तय किया गया कि जब तक टैक्स नहीं हटाया जाता विरोध जारी रहेगा। शुक्रवार को निर्यातक मौन जुलूस निकालेंगे। उधर, निर्यातकों ने सांसद गजेंद्रसिंह शेखावत को ज्ञापन सौंप मांग से अवगत भी करवाया।
बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष निर्मल भंडारी ने बजट में हैंडीक्राफ्ट पर लगाए गए 5 प्रतिशत वैट के निर्णय को गलत बताया। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार नए उधोगों को विकसित करने व राज्य को उघोग हब बनाने पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी तरफ राजस्थान कुटीर और सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा अर्जित करवाने वाले हस्तशिल्प उघोग पर वैट लगा दिया है।
कल मौन जुलूस: बैठक में यह निर्णय लिया कि 25 जुलाई को मौन जुलूस निकाल कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। साथ ही एक दिन के लिए अपना काम काज बंद रखेंगें । एसोसिएशन के सचिव डॉ. भरत दिनेश ने कहा कि प्रतिवर्ष 4 हजार करोड़ का हैंडीक्राफ्ट निर्यात होता है। जिसमे से 60 प्रतिशत एक्सपोर्ट लकड़ी के हस्तशिल्प उद्योग का होता है । इस पर राज्य सरकार ने वेट लगाकर न सिर्फ जोधपुर बल्कि संपूर्ण राजस्थान से हस्तशिल्प निर्यात को भारी झटका पहुंचाया है । इस अवसर पर राधेश्याम सिंघल, विश्वनाथ बंसल, महावीर जैन, पंकज भंडारी , पवन मेहता, जेपी जैन, मनोज बोथरा, राहुल भंडारी, संदीप मेहता व अन्य सहित कई निर्यातक मौजूद थे।
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