Sunday, 13 July 2014

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बाल कविता : डी.के. पुरोहित

साक्षरता की हवा चली

साक्षरता की हवा चली
आखर खुशबू छाई
पाटी-पोथी लेकर पढ़ने
लो आए लोग-लुगाई
क से कमला
अ से अनार
प से पतझड़
ब से बसंत बहार
साक्षरता से बढ़कर
नहीं कोई उपहार
गांव-शहर लहर चली
फैली आखर अरुणाई
पाटी-पोथी लेकर पढ़ने
लो आए लोग लुगाई।

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