Saturday, 26 July 2014

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बाल कविता: डी.के. पुरोहित

ऐसा करें काम

ऐसा आओ करें काम
जग में हो जाए नाम
गांधी-गौतम-नानक
बन जाएं घनश्याम
कर्मवीर रणवीर बनें
छोड़ें अब आराम
हल से हल हो सपने
कहलाएं बलराम
अत्याचार मिटाएं
बोलें सब जयराम
वेदमंत्र उच्चारित हों
सुबह और शाम
ऐसा आओ करें काम
जग में हो जाए नाम।

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