नाता
नदी का समुद्र से नाता
सूरज का प्रकाश से
बादल का वर्षा से नाता
चंदा का आकाश से
फूलों का डाली से नाता
विजय का मीठास से
माली का उपवन से नाता
और जीवन का सांस से
मछली का पानी से नाता
हंसी का उल्लास से
मौसम का हवा से नाता
दिवले का उजास से
मानव का मानव से नाता
बनता सदविश्वास से।
नदी का समुद्र से नाता
सूरज का प्रकाश से
बादल का वर्षा से नाता
चंदा का आकाश से
फूलों का डाली से नाता
विजय का मीठास से
माली का उपवन से नाता
और जीवन का सांस से
मछली का पानी से नाता
हंसी का उल्लास से
मौसम का हवा से नाता
दिवले का उजास से
मानव का मानव से नाता
बनता सदविश्वास से।
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