Thursday, 10 July 2014

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बाल कविता



फैले उजियारा

शिक्षा का फैले उजियारा
रहे कहीं न अंधियारा
सबको रोटी राम मिले
खाली हाथों को काम मिले
ज्ञान के सद्प्रकाश से
खुद के आत्मविश्वास से
खोलें आयाम विकास के
छंटे दिन धुंधलास के
आंगन में आकर उतरे
सूरज-चांद और सितारा
शिक्षा का फैले उजियारा
रहे कहीं न अंधियारा

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