Thursday, 10 July 2014

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बाल कविता



आसमान में तारे कितने

आसमान में तारे कितने
पूछा था कभी दादा से
दादा बोले थे हंसकर
इतने ज्यादा जाते ना गिने
यह भी कोई उत्तर हुआ
दादा ठीक-ठीक बतलाओ ना
नाए आए तो ना बतलाओ
पर हंसी में बात उड़ाओ ना
दादा बोले-सुनो बेटा
इस धरती पर जितने लोग बसते
आसमान में उसके बराबर
तारे भी झिलमिल करते रहते।

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