Saturday, 26 July 2014

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हरियाली अमावस और सावन का शोर, झूलों में झूले नंदकिशोर


मंदिरों में रही श्रद्धालुओं की भीड़, मंदिरों की परिक्रमा की, गौशालाओं के लिए चारा भिजवाया, दान का सिलसिला चलता रहा




जोधपुर /  हरियाली अमावस। शनि का संयोग। आसमान में घटाएं। सावन का शोर। मंदिरों में झूलों में झूले नंदकिशोर।...भीगा-भीगा मौसम। हर कोई उल्लसित। यह सुखद अहसास शनिवार को मन के भीतर तक महसूस किया जा रहा था। सुबह से ही बादलों की उपस्थिति रही। दोपहर में तो काली घटाएं उमड़ आई और बौछारें गिरने लगी। ऐसे ही मौसम में श्रद्धालु मंदिरों में सावन उत्सव मना रहे थे। कहीं-कहीं झूलों में ठाकुरजी को झुलाया जा रहा था। कई श्रद्धालु मंदिरों की परिक्रमा कर रहे थे।

शहर के मंदिरों में पूजा-अर्चना के साथ धार्मिक अनुष्ठान किए गए। प्रमुख मंदिरों से जुड़ी संस्थाओं की ओर से बसों द्धारा श्रद्धालुओं को शहर में निकटवर्ती मंदिरों के दर्शन करवाने के साथ  परिक्रमा का आयोजन रखा गया। इसके साथ ही गोशालाओं में चारा भिजवाया गया और दिन भर दान का सिलसिला चलता रहा।

मंदिरों में मेलों जैसा माहौल 

दिन भर रातानाडा गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं की रौनक रही। यहां गणेश को मोदक और बूंदी का भोग लगाया गया। पहाड़ी पर स्थित मंदिर की छटा अनूठी दिखाई दे रही थी। इसी तरह मसूरिया स्थित बाबा रामदेव मंदिर, बड़ली के भैरूजी मंदिर, अरना-झरना व कदमकंडी, निंबा-निंबड़ी, मंडलनाथ व संतोषी माता मंदिर पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। यहां पर मेले जैसा माहौल बना रहा।

शनि भगवान के गूंजे जयकारे

हरियाली अमावस्या के साथ शनि और पुष्य नक्षत्र का संयोग होने से शनि मंदिरों में शनि भगवान के जयकारे गूंजते रहे। शाम होते ही शनि की स्तुति में श्रद्धालु व्यस्त रहे। शनि भगवान को तेल-तिल चढ़ाए गए। प्रसाद चढ़ाने के साथ ही शाम को आरती में लोग शरीक हुए। दूसरी ओर शिवालयों में हर-हर महादेव के जयकारे गूंजते रहे। श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया और पूजा-पाठ का दौर चलता रहा।

पिकनिक स्पॉट पर रही रौनक

 हरियाली अमावस्या और सावन की बौछारें के बीच सुहाने मौसम में शहरवासियों ने  मंडाेर, कायलाना, अरना-झरना और पार्कों की ओर रुख किया। शनिवार का अवकाश होने की वजह से इन स्थलों पर खासी भीड़ रही।

सावन उत्सव मनाया

पाल रोड अमृत नगर स्थित अमृत भजन मंडली की ओर से सावन उत्सव मनाया गया। मंडली की गीता माछर ने बताया कि इस अवसर पर महिलाओं ने लहरिया साड़ियां पहनी। बच्चों के लिए अमृत नगर स्थित पार्क में झूले लगाए गए। इस दौरान कई प्रतियोगिताएं हुईं। समारोह में दमयंती अग्रवाल, यशोदा मूंदड़ा, मीना लोहिया, सपना गोयल, स्नेहलीला, रमा जांगिड़, चैन मेहता, अंजू जैन, संतोष गुप्ता, लीला बागरेचा, पुष्पा अग्रवाल, कृष्णा गुप्ता सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।







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सम्मेलन में ज्योतिष व कर्मकांड पर विज्ञान सम्मत चर्चा

दो दिवसीय ज्योतिष सम्मेलन शुरू, देश भर से विशेषज्ञ ले रहे हैं भाग



जोधपुर / सावित्री इंटरनेशनल एस्ट्रो रिसर्च सोसायटी के तत्वावधान में शनिवार को पांचबत्ती चौराहे पर स्थित होटल चंद्रा इन में दो दिवसीय ज्योतिष सम्मेलन शुरू हुआ। मुख्य अतिथि निर्मल स्वरूप महाराज व हाईकोर्ट के जज जीके व्यास ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि ज्योतिष व कर्मकांड व्यक्ति के जीवन से जुड़े अहम विषय हैं। इसके आधार पर जीवन की दिशा को मोड़ दिया जा सकता है। समारोह में जेएनवीयू कला संकाय के अधिष्ठाता डॉ. नगेंद्र अवस्थी सहित अन्य लोग मौजूद थे।

तीन सत्रों में चले सम्मेलन में ज्योतिष एवं कर्मकांड में योगदान व इनकी मान्यताओं के वैज्ञानिक आधार पर चर्चा की गई। इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए ज्योतिषियों ने अपने ज्ञान व अनुभव के आधार पर अपनी बात रखी। इसके बाद फलित ज्योतिष में चलित नवांश के महत्व व कृष्णामूर्ति पद्धति एवं फलादेश के बारे में चर्चा का आयोजन किया गया।

150 विद्वान ले रहे हैं भाग

एस्ट्रो रिसर्च सोसायटी के संस्थापक व अध्यक्ष पंडित घनश्याम द्विवेदी ने बताया कि तृतीय सत्र में मंत्र, तंत्र व औषधि एवं वनस्पति विज्ञान की विवेचना पर चर्चा हुई। इसके बाद सभागार में उपस्थित लोगों की ज्योतिष संबंधी समस्याओं के समाधान को लेकर सत्र आयोजित किया गया। सम्मेलन में डेढ़ सौ से ज्यादा प्रतिनिधी भाग ले रहे है। इसमें पंडित रमेश द्विवेदी, जितेंद्र शर्मा, आचार्य चेतन शर्मा दिनेश गुरुजी, अरुण कुमार बंसल, निरंजन भट्ट ने विचार व्यक्त किए।



बाल कविता: डी.के. पुरोहित

ऐसा करें काम

ऐसा आओ करें काम
जग में हो जाए नाम
गांधी-गौतम-नानक
बन जाएं घनश्याम
कर्मवीर रणवीर बनें
छोड़ें अब आराम
हल से हल हो सपने
कहलाएं बलराम
अत्याचार मिटाएं
बोलें सब जयराम
वेदमंत्र उच्चारित हों
सुबह और शाम
ऐसा आओ करें काम
जग में हो जाए नाम।

बाल कविता: डी.के. पुरोहित

अक्षर अक्षर सीखें

अक्षर-अक्षर सीखें
बन जाएं विद्वान
ज्ञान घट भर जाए
जग करे रसपान
शिक्षा पर अधिकार
सबका होता समान
पढ़-लिखकर भाई
करें जब उत्थान
हम भी कुछ कहलाएं
लोग करें सम्मान
अक्षर-अक्षर सीखें
बन बाएं विद्वान
ज्ञान घट भर जाए
जग करे रसपान।

बाल कविता: डी.के. पुरोहित

आंखें कह जाती है

वाणी जो कह न पाए
आंखें वह कह जाती है
आंसू बनकर पीरा
आंखें स्वत: छलकाती है
और प्रीत की रीत निभाने
आंखें शरमाती है
भीतर का आक्रोश
लाल आंखें बताती हैं
कभी विवशता में
आंखें डबडबाती है
हां या ना के उत्तर में
आंखें पलकें झपकाती हैं
गुप्त मंत्रण करने में
आंखें साथ निभाती है।

बाल कविता: डी.के. पुरोहित

मन मीत मिल जाए

एक कदम हम बढ़ें
एक कदम तुम चलो
फासला कम हो जाए
धीरे-धीरे मंजिल आए
कुछ तुम अपनी कहो
कुछ हम अपनी कहें
पीर कम हो जाए
मन मीत मिल जाए
कुछ तुम खाओ
थोड़ा हम खायें
भूख कम हो जाए
फटी चादर सिल जाए
एतबार तुम करो
एतबार हम करें
जीवन पुष्प खिल जाए।

बाल कविता: डी.के. पुरोहित

परी आई

परिलोक से परी आई
पंखों को फैलाती
सुंदर-सुंदर आंखें
बच्चों पर प्यार लुटाती
कभी नहीं रोया करती
सदा वह मुस्काती
खूब खिलौने आ जाते
ज्यों ही छड़ी घुमाती
अच्छी काम की बातें
परी बहन सिखलाती
परिलोक से परी आई
पंखों को फैलाती।

बाल कविता: डी.के. पुरोहित

मेरी पुस्तक

मेरी पुस्तक काम की

अच्छी-अच्छी बातें

खूब कथा-कहानी इसमें

अच्छी मुलाकातें

रामायण के राम हैं

महाभारत के अर्जुन

इसमें ज्ञान कोश भरा

ओ मेरे भैया सुन

पढ़ने की सब आदत डालें

पढ़कर ज्ञान बढ़ाते

मेरी पुस्तक काम की

अच्छी-अच्छी बातें।

Thursday, 24 July 2014

कविता: राखी पुरोहित


मां

यह कि मेरा अस्तित्व
तुझसे जुड़ा है
यह कि तुम
संसार का सार हो
यह कि तुम ममता-प्यार हो
यह कि तुम 
मेरे अतीत की साथी
वर्तमान की बाती
भविष्य का शृंगार हो
जब-जब मैं होती उदास
तुम मेरे चेहरे को पढ़ लेती
मुझे हर खुशी देने
हमेशा रहती थी तत्पर
मैं रोती तो
तुम्हारा भी दिल रोता
मेरे आंसू पौंछने
तेरे हाथ सबसे पहले उठते
मैं तो जिद्दी थी,
मगर तुम मेरी हर ख्वाहिश 
पूरी करती थी
मेरी इच्छा पूरी करने
तुम सबसे झगड़ती थी
पर नसीब को 
कुछ और ही था मंजूर                         
तेरा दर छूटा
जा पहुंची मैं बहुत दूर
लेकिन तेरी यादें हमेशा 
मेरे पास है
आज भगवान से ज्यादा
किसी को पूजती हूं तो
वह तुम हो
क्योंकि उसको देखा नहीं है
पर तुमने दिखाई है
ये हंसी दुनिया
एक पल के लिए
उसे भूल जाऊंगी 
पर तेरे एहसान नहीं-
मां!



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लघु कथा: डी.के. पुरोहित



अक्षय का शव मेरे सामने हैं। अक्षय, जो कभी क्षय न हो। आज नष्ट हो गया। चूर-चूर हो गया उसका अहंकार। जिसने जीवन भर मुझसे नफरत की। हर पल मुझे नीचा दिखाने का प्रयास किया। मेरी दौलत हड़प ली। मेरी पत्नी व बच्चों की हत्या कर दी। आज उसकी मौत पर कोई आंसू बहाने वाला न था। बादल गरज रहे हैं। बिजली चमक रही है। शायद बारिश होने वाली है। मैं हिकारत भरी नजर से अक्षय के शव को देखता हूं और आगे बढ़ जाता हूं। 

तभी, अंतरआत्मा से आवाज उठती है-‘यह क्या कर रहा है महेश ? अपने दुश्मन से अब कैसी दुश्मनी निकाल रहा है। वह मर चुका है। उसे अपने किए की सजा मिल चुकी है। जो मर गया वह अक्षय का शव है। अक्षय नहीं हैं। शरीर खुद कुछ नहीं करता। उसे अच्छी या बुरी आत्मा करवाती है। भूल जाओ नफरत। आगे बढ़ो। उसकी पार्थिव देह को अग्नि दो। अक्षय दोस्ती का धर्म नहीं निभा सका, मगर तुम दुश्मन को भी कांधा देकर इंसानियत का धर्म निभाओ।’

मेरे कदम पीछे लौट आते हैं। श्रीमद्भागवत गीता की पंक्तियां-हर अवसर और हर अवस्था में जो अपना कत्र्तव्य दिखाई दे, उसी को धर्म समझकर पूरा करना चाहिए, मेरे जेहन में उभर आती है। बाबा ने भी हमें यही धर्म बताया था। आज अपने दुश्मन को अग्नि में समर्पित कर मैंने भी अपना धर्म निभाया।


वास्तु-शास्त्र: पंडित अमृतलाल वैष्णव


-पंडित अमृतलाल वैष्णव विख्यात ज्योतिर्विद, हस्तरेखा विशेषज्ञ और वास्तुविद हैं। इन्हें राज्य स्तरीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रपति से पुरस्कार मिल चुका है। उनकी पुस्तक ‘संक्षिप्त वास्तु-शास्त्र’ के प्रस्तुत हैं यहां मुख्य अंश-

भाग-वन

वर्ग या आयत में भूखंड जो होई,
सबसे सुंदर प्लाट हो सोई।
वृत्ताकार भूखंड भी ले आना,
अपने घर श्री लक्ष्मी बसाना।
जो भूखंड हो गोमुख आकार,
आवास निर्माण जरूर हो साकार।
नाहर मुख भूखंड व्यवसाय कर लो,
धन-दौलत से आंगन भर लो।
जो गोमुख में व्यवसाय होई,
निष्चय फले नहीं व्यवसाय सोई।
नाहर मुख आवास जो होई,
धन व चैन हड़पि ले दोई।
जो नाहर मुखी भवन में जावे,
तन-मन-धन अपार सकल नसावै।
भूखंड के चारों ओर जो मार्ग हो,
सर्वश्रेष्ठ प्लाट जैसे स्वर्ग हो।
यदि कोण ईशान कटा होगा, 
भाइयों व साझेदारों से टंटा होगा।
पश्चिम दिशा यदि मध्य से कटी हो,
राजप्रकोप की लाठी, वहां टूटी हो।
नैर्ऋत्य कोण का यदि विस्तार हो,
कानूनी समस्याओं का लगे अंबार हो।
ईशान को छोड़ कोई कोण बढ़ा हो,
समकोण उसे तब जरूर करा लो। 
नाहर मुख व्यवसाय हेतु प्लाट लिया,
वास्तुशास्त्री से क्या संपर्क किया।
आवास हेतु गोमुख भूखंड उत्तम है, 
वास्तु शास्त्री की राय निर्माण में प्रथम है।
सौ पद का वास्तु मंडल सर्वश्रेष्ठ है,
इक्यासी पद का वास्तु भी श्रेष्ठ है। 
चौसठ पद का वास्तु भी है अच्छा,
तदनुसार नक्शा बनाओ सच्चा।
आजकल चलन में बाद के वास्तु दोय,
पहला महल या नगर में वांछित होय।
यदि भूखंड हो बहुत बड़ा,
81 पदीय वास्तु पर उसे करें खड़ा।
काफी छोटा हो भूखंड सारा,
64 पदीय वास्तु का लो सहारा।
मर्म स्थलों का रखो पूरा ध्यान,
बचाकर उन्हें कराओ निर्माण।
मर्मस्थल पृथ्वी धर पर न हो खंभा,
घर आएगी लक्ष्मी नाचेगी रंभा।
ब्रह्मस्थल पर भी न कराओ निर्माण,
सुखी समृद्ध और बनें धनवान।
भूखंड में प्रवेश कहाता मुख्यद्वार,
आवास में प्रवेश है, मुख्य उपद्वार।
ये दोनों मुख्य द्वार ही कहलाते हैं,
निर्दिष्ट स्थान पर सुखी बनाते हैं।
मुख्य द्वार ईशान या दक्षिण आग्नेय हो,
या पश्चिम दिशा में कोण वायव्य हो।
मार्ग दो ओर हो उत्तर व पूर्व, 
प्लाट होगा वह श्रेष्ठ एवं अपूर्व।
यदि मार्ग होगा पूर्व व उत्तर,
श्रेष्ठ प्लाट है, ले लो तत्पर।
मार्ग हो यदि उत्तर व पच्छम, 
निष्चय ही प्लाट यह होगा उत्तम।
पष्चिम दक्षिण मार्ग हो तो भी,
उत्तम प्लाट कहलाए वो भी।
पूर्व दक्षिण जिसके यदि मार्ग होगा,
प्लाट बहुत ही अच्छा वह होगा।
स्थान शुद्धि पहले करा लो,
मनचाहा वास्तु अनुकूल घर बना लो।
हो शास्त्र रीति से यदि गृह निर्माण,
सर्वदा करेगा आपका भव कल्याण।
मर्म, अतिमर्म का रखें ध्यान,
तरक्की दिन दूनी रात महान।
शिलान्यास पहला, प्रथमद्वार दूजा,
वास्तु मंडल की कराएं पूजा।
छत डालना तीजा, गृह प्रवेश चौथा,
ये चार वास्तु पूजन का मौका।
नैर्ऋत्य से नीचा आग्नेय कोण, 
आग्नेय से नीचा वायव्य कोण।
वायव्य से नीचा कोण ईशान होना,
सुख-ऐष्वर्य-शांति की माला पोना।
नींव की खुदाई करें ईशान से,
घर बनाएं फिर शान से।
ईशान से फिर वायव्य को खोदें,
भावी जीवन में बीज, सुख के बो दें
फिर ईशान से आग्नेय खोदना,
सुखद घर निर्माण की योजना।
फिर वायव्य से नैर्ऋत्य में जाएं,
अड़चनें सारी दूर भगाएं।
आग्नेय से नैर्ऋत्य फिर खुदाएं
पुत्रोन्नति का मार्ग बनाएं।
वास्तु नियमानुसार करें निर्माण,
सुख-सौभाग्य उन्नति प्रमाण।


एक पिता की सेवानिवृत्ति पर



कविता: राखी पुरोहित

पापा!
आज मेरी आंखें
कलश हो गई हैं
उस दिन
जब आपने मुझे
शादी पर 
विदा किया था
तब भी मेरे नैन
नीर पी गए थे
बिछोह का दर्द
सह गया था मन
मैं जानती थी 
मेरे जाने पर
पापा अकेले हो गए थे
बेटी पर प्यार लुटाने वाले 
पिता रेलगाड़ी में 
सेवा के सफर पर 
परिवार के दायित्वों की मंजिल
खोजते रहे
सेवा के साथी 
काम की व्यस्तता
पापा को मेरे जाने का दर्द
सहने की शक्ति देते रहे
मैं जानती हूं पापा
आज आप अकेले हैं
नितांत अकेले
जीवन की पटरी पर
आज एक रेलगाड़ी 
रिटायर हो गई
इंजन में आज भी ऊर्जा है
डिब्बे भी दमखम रखते हैं
मगर समय ने
सेवा के आगे समर्पण कर दिया
अब साठ साल के इंजन को
सरकार ने विश्राम दिया है
मगर सही मायने में
सफर तो अब शुरू हुआ है
अब आपको चलना है
अकेले
अपने बल पर
मुश्किल सफर 
मेरे पापा आसान बनाते हैं
फर्श से अर्श की कहानी
उनकी मेहनत-समर्पण
खुद बयां करती है
पापा!
आप निराश बिल्कुल मत होना
समय का सच यही है
वर्तमान अतीत बनता है
मगर भविष्य कभी 
खत्म नहीं होता
अब आपको 
अपने लिए गढ़नी होगी
नई पटरी
नए सफर के लिए 
हम सब भाई-बहन
और आपकी जीवनसंगिनी
आपके साथ हैं
हमारे जीवन में
प्यार की शक्ति है
पापा! आप और हम
इस सफर को देंगे पूर्णता। 

गांधी कालोनी में पांच-पांच दिन नहीं आता पानी


-आठ हजार से अधिक आबादी वाली कालोनी में पानी की किल्लत, जलदाय विभाग के अधिकारी मौन

वर्ल्ड स्ट्रीट न्यूज. जैसलमेर

जैसलमेर की गांधी कालोनी में पानी की समस्या गहरा गई है। यहां पांच-पांच दिन पानी नहीं आता। पानी आता भी है तो कम दबाव से, इस वजह से लोग पूरा पानी नहीं भर पाते। इस संबंध में कालोनीवासियों ने कई बार जलदाय विभाग को गुहार लगाई मगर कोई हल नहीं निकला।
यह समस्या पिछले कई सालों से है। गर्मी तो गर्मी सर्दियों में भी यही समस्या है। ऐसा नहीं है कि शहर में पानी की किल्लत है, पानी पर्याप्त है, मगर इसके बावजूद गांधी कालोनी की उपेक्षा की जा रही है। इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता बालकिशन ने बताया कि अगर पानी की समस्या का जल्द समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।

Wednesday, 23 July 2014

वकीलों की हड़ताल के मामले में गृह सचिव हाईकोर्ट में पेश

जोधपुर
हाईकोर्ट में चल रही वकीलों की हड़ताल के दौरान सरकारी वकीलों द्वारा पैरवी नहीं करने के मामले में राज्य की गृह सचिव गायत्री राठौड़ बुधवार को अदालत में पेश हुईं। न्यायाधीश संदीप मेहता ने गृह सचिव से पूछा कि सरकारी वकील न्यायालय में पेश नहीं हो रहे हैं, इस पर क्या कार्रवाई की गई हैω सरकारी वकील हर माह के अंतिम कार्य दिवस पर होने वाली हड़ताल के  दौरान तो अदालत में उपस्थित होते हैं, लेकिन अभी क्यों नहीं हो रहे हैंω इस पर गृह सचिव ने कहा कि हड़ताल के दौरान सरकारी वकील की जगह एडीपी अदालत में पेश होंगे। साथ ही कार्रवाई करने की बात कही।
उल्लेखनीय है कि जयपुर में वकीलों व न्यायिक अधिकारियों के बीच हुए विवाद के बाद जयपुर के वकीलोें के समर्थन में जोधपुर के वकील 19 जुलाई से हड़ताल पर चल रहे हैं।

टैक्स के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे निर्यातक

एसोसिएशन ने बैठक आयोजित की, सांसद को भी ज्ञापन सौंपा
जोधपुर एक हजार रुपए से ज्यादा मूल्य के हर हस्तशिल्प उत्पाद पर सरकार 5 फीसदी टैक्स लेगी। इसके विरोध में जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट निर्यातक व मैन्यूफेक्चर विरोध करने लगे हैं। बजट से लेकर अब तक इन निर्यातकों ने सरकार से संपर्क कर इस कर से मुक्ति दिलवाने की मांग की थी, लेकिन अब वे विरोध पर उतरने लगे हैं। बुधवार को जोधपुर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन की ओर से इस विरोध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में तय किया गया कि जब तक टैक्स नहीं हटाया जाता विरोध जारी रहेगा। शुक्रवार को निर्यातक मौन जुलूस निकालेंगे। उधर, निर्यातकों ने सांसद गजेंद्रसिंह शेखावत को ज्ञापन सौंप मांग से अवगत भी करवाया।

बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष निर्मल भंडारी ने बजट में हैंडीक्राफ्ट पर लगाए गए 5 प्रतिशत वैट के निर्णय को गलत बताया। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार नए उधोगों को विकसित करने व राज्य को उघोग हब बनाने पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी तरफ राजस्थान कुटीर और सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा अर्जित करवाने वाले हस्तशिल्प उघोग पर वैट लगा दिया है।
कल मौन जुलूस: बैठक में यह निर्णय लिया कि 25 जुलाई को मौन जुलूस निकाल कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा। साथ ही एक दिन के लिए अपना काम काज बंद रखेंगें । एसोसिएशन के सचिव डॉ. भरत दिनेश ने कहा कि प्रतिवर्ष 4 हजार करोड़ का हैंडीक्राफ्ट निर्यात होता है। जिसमे से 60 प्रतिशत एक्सपोर्ट लकड़ी के हस्तशिल्प उद्योग का होता है । इस पर राज्य सरकार ने वेट लगाकर न सिर्फ जोधपुर बल्कि संपूर्ण राजस्थान से हस्तशिल्प निर्यात को भारी झटका पहुंचाया है । इस अवसर पर राधेश्याम सिंघल, विश्वनाथ बंसल, महावीर जैन, पंकज भंडारी , पवन मेहता, जेपी जैन, मनोज बोथरा, राहुल भंडारी, संदीप मेहता व अन्य सहित कई निर्यातक मौजूद थे।

दुकान बंद कर रहे व्यापारी की अटैची चुरा ले गए बदमाश

मिनर्वा सेंटर में एक स्टेशनरी की दुकान के मालिक की 60 हजार रुपए और महत्वपूर्ण दस्तावेजों से भरी एक अटैची कुछ बदमाशों ने पार कर ली। सेक्शन-7 निवासी शिखरचंद सिंघवी की मिनर्वा सेंटर में स्टेशनरी की दुकान है। बुधवार रात 10 बजे घर जाने से पहले उन्होंने एक अटैची में 60 हजार रुपए व महत्वपूर्ण दस्तावेज डाले और दुकान के पास खड़े अपने स्कूटर पर रखी। बाद में वे जैसे ही दुकान पर ताला लगाने के लिए मुड़े, कुछ बदमाश स्कूटर पर रखी अटैची चुराकर ले भागे। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और आसपास केक क्षेत्रों में नाकाबंदी करवाई, लेकिन चोरों का कोई सुराग नहीं लग पाया। गौरतलब है कि शहर में पिछले 15 दिनों में चेन स्नैचिंग, बैग लिफ्टिंग और लूट एक दर्जन से अधिक वारदातें हो चुकी हैं।

रेलवे ट्रैक पर युवक का शव मिला

जोधपुर। मोहनपुरा पुलिया के पास रेलवे ट्रैक पर बुधवार देर रात करीब 12:30 बजे एक युवक का शव मिला। सूचना मिलने पर रेलवे पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव कब्जे में लिया। बाद में शव को एमजीएच की मोर्चरी में रखवाकर शिनाख्तगी के प्रयास शुरू किए गए है।

15 अगस्त तक लागू करना होगा जोधपुर का मास्टर प्लान

जोधपुर. जोधपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 2035 तक के लिए बनाए गए मास्टर प्लान को 15 अगस्त तक लागू करना होगा। इस संबंध में पूर्व में आपत्तियां मांगी गई थी। आपत्तियों का निस्तारण हाेने के बाद मास्टर प्लान लागू करने की तिथि घोषित कर दी गई है।
जेडीए का मास्टर प्लान अंतिम चरण में था। मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने के लिए बुधवार को जयपुर में नगरीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक जैन के साथ जेडीए के अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें नए मास्टर प्लान पर चर्चा की गई।

Tuesday, 22 July 2014

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जीत कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया जारी


जोधपुर| जीत ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के जोधपुर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी व जीत स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी फॉर गर्ल्स में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। जीत समूह के निदेशक नवनीत अग्रवाल ने बताया कि दोनों संस्थानों  में राजस्थान प्री इंजीनियरिंग टेस्ट की ओर से अधिक सीटें आवंटित किए जाने से नए स्टूडेंट्स में उत्साह नजर आ रहा है। राजस्थान सहित अन्य राज्यों से भी छात्र जीत ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में प्रवेश के लिए आते हैं।

राजस्थान प्री इंजीनियरिंग टेस्ट की ओर से आवंटित सीटों में पूरे राजस्थान के सभी 144 सरकारी, गैर सरकारी, अनुदानित व गैर अनुदानित तकनीकी कॉलेजों में जीत समूह का चौथा स्थान रहा है। जीत ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में अधिकाधिक विद्यार्थियों के प्रवेश की वजह यहां का उच्च गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक माहौल, श्रेष्ठतम अनुशासन, तकनीकी कौशल से परिपूर्ण शिक्षक हैं। जेआईईटी की शैक्षणिक शैली भी अपने आप में अनूठी है। इसमें विद्यार्थियों के समुचित व संपूर्ण विकास को अधिक महत्व दिया जाता है। समूह में उच्च स्तरीय प्रयोगशालाएं, बेहतर क्वालिटी के उपकरण तथा अत्याधुनिक लाइब्रेरी व व्यक्तित्व और नेतृत्व विकास सहित खेलकूद व सांस्कृतिक गतिविधियां भी छात्रों को यहां प्रवेश लेने के लिए आकर्षित करती हैं।


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फेसबुक फ्रेंड गिरफ्तार, बोला-युवती के बेहोश होने से डर के कारण भाग गया था


जोधपुर 

लखनऊ में अपनी नानी के पास रहने वाली इलाहाबाद की युवती के फेसबुक फ्रेंड को पुलिस ने मंगलवार दोपहर को गिरफ्तार कर लिया। उसने पुलिस को बताया कि युवती के सड़क हादसे में बेहोश होने पर वह डर गया था, इसलिए पुलिस के सामने नहीं आया। पुलिस ने आरोपी से युवती का मोबाइल व बैग बरामद कर लिया। वहीं सड़क दुर्घटना में घायल युवती एमडीएम अस्पताल में भर्ती है।

प्रतापनगर थाना एएसआई मूलसिंह ने बताया कि इलाहाबाद में रहने वाली युवती कुछ दिन पूर्व अपने फेसबुक फ्रेंड से मिलने के लिए लखनऊ से जोधपुर आई थी। युवक के साथ शहर घूमने के दौरान शनिवार को युवती सड़क हादसे में बेहोश हो गई थी और युवक उसे मौके पर छोड़कर उसका सामान लेकर भाग गया था। पुलिस ने युवती की कॉल डिटेल के आधार पर मंडोर नयापुरा मूल निवासी व सूरजबेरा सूरसागर हाल निवासी भागीरथ उर्फ योगेश (23) पुत्र रामेश्वर गहलोत को  मंगलवार दोपहर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने युवक से युवती का मोबाइल व बैग बरामद कर लिया है तथा युवती की सोने की चेन व 20 हजार रुपए बरामद करने का प्रयास कर रही है। युवती ने युवक के खिलाफ सामान चोरी कर ले जाने की रिपोर्ट दी थी।



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जिला जज कैडर के छह अफसरों के तबादले, दो एसीजेएम भी बदले

जोधपुर | राजस्थान हाईकोर्ट प्रशासन ने मंगलवार को जिला जज कैडर के छह अधिकारियों के तबादले किए हैं। इसके अलावा दो एसीजेएम स्तर के जज भी बदले हैं।

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने आदेश जारी कर बताया कि राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में रजिस्ट्रार (प्रशासन) पद पर नियुक्त देवेंद्र कच्छवाह को कोटा में जिला व सेशन जज, हाईकोर्ट जोधपुर में स्पेशल ड्यूटी इन रजिस्ट्री के अधिकारी पद पर नियुक्त बलदेवराम को हाईकोर्ट जोधपुर में रजिस्ट्रार (प्रशासन) पद पर, चूरू में जिला व सेशन जज पद पर नियुक्त विष्णुदत्त शर्मा प्रथम को हाईकोर्ट जोधपुर में रजिस्ट्रार (विजिलेंस) पद पर, टोंक में स्पेशल कोर्ट कम्युनल राइट्स केसेज में जज पद पर नियुक्त भुवन गोयल को हाईकोर्ट जयपुर बैंच में रजिस्ट्रार (प्रशासन) पद पर लगाया गया है।

इसी तरह कोटा के जिला व सेशन जज गंगाराम मूलचंदानी को टोंक के जिला व सेशन जज पद पर, स्पेशल कोर्ट फॉर ट्रायल कैसेज जोधपुर में प्रेसिडिंग ऑफिसर द्वारकाप्रसाद शर्मा को मेड़ता के जिला व सेशन जज के पद पर नियुक्त किया गया है, जबकि रेखा शर्मा को जयपुर में एसीजेएम स्पेशल केसेज तथा निहालचंद को एसीजेएम नंबर 15 जयपुर मेट्रोपोलिटन पद पर लगाया गया है।

Sunday, 20 July 2014

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थार में बढ़ रहे हैं गुर्दा रोगी

पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर व बाड़मेर में कई रोगी सामने आए, कुछ की मौत भी हो चुकी है, डायलिसिस सहित इलाज की सुविधा नहीं होने से अहमदाबाद व जोधपुर जाना पड़ता है


-डी.के. पुरोहित-


केस-एक

कमला की उम्र 30 साल है। उसके दोनों गुर्दे खराब हो गए। उसकी सास ने अपना एक गुर्दा देकर उसकी जान बचाई।

केस-दो

मुकेश भाटिया मात्र 27 साल का था। उसके गुर्दे खराब होने से मौत हो गई।


केस-तीन

पप्पसा मात्र 40 साल के थे। दोनों गुर्दे खराब हो गए। उसकी पत्नी ने अपना एक गुर्दा देकर उसकी जान बचाई। मगर साल भर बाद इन्फेक्शन  से उसकी मौत हो गई।

केस-चार


सुशीला व्यास के गुर्दे खराब हो गए। जोधपुर के एक निजी अस्पताल में दस दिन भर्ती रही और बाद में उसकी मौत हो गई।

जोधपुर 
पश्चिमी राजस्थान के थार में गुर्दा रोगी किस तरह बढ़ रहे हैं, उसके उदाहरण यहां दिए जा रहे हैं। उपरोक्त उदाहरण तो एक बानगी है, हकीकत में कई रोगी सामने आ रहे हैं। इंग्लैंड के डाक्टर डेविड हुक ने अपने शोध-पत्र ‘ए स्टडी आन किडनी एट डेजर्ट’ में उल्लेख किया है कि पश्चिमी राजस्थान में गुर्दा रोग बढ़ने का कारण वहां की जलवायु और परिस्थितियां हैं। कई गांवों में प्रदूषित पानी गुर्दा रोग को बढ़ावा दे रहा है।

डाक्टरों का कहना है कि पश्चिमी राजस्थान में शुष्क जलवायु व पानी प्रदूषित होने से अक्सर पथरी की शिकायत रहती है। जिसका असर गुर्दे पर पड़ता है। आउटडोर में आने वाले 100 मरीजों में से तीन मरीज क्रानिकरीनफेलियोर से पीड़ित रहते हैं। एक्यूटरिनलफेलियोर के मरीज 5 प्रतिशत और आईसीयू में 30 प्रतिशत रोगी गुर्दा रोग से पीड़ित होते हैं।

डा. शिव कुमार व्यास का कहना है कि पश्चिमी राजस्थान के थार मरुस्थल में शुष्क वातावरण, स्नेकबाइट, पतले दस्त, आंत्रशॉध व मलेरिया पीएफ होने से गुर्दे संबंधी रोगी बढ़ रहे हैं। थार तो मलेरिया का घर बनता जा रहा है। मलेरिया की परिणिति गुर्दे के रोग में हो जाती है। इसके अलावा अत्यधिक रक्तस्राव से भी गुर्दे पर असर पड़ता है। ब्लडप्रेशर व मधुमेह होने से भी गुर्दे की बीमारी होती है।

डायलिसिस सुविधा नहीं

थार के जैसलमेर में डायलिसिस की सुविधा नहीं होने से अक्सर रोगियों को जोधपुर या अहमदाबाद ले जाना पड़ता है। लंबे समय तक गुर्दा रोग रहने से शरीर में एकत्रित अव्ययों को बाहर निकालने और रक्त को शुद्ध करने के लिए डायलिसिस ही उपाय है। इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद रोगी को रिलेक्स मिलता है। ऐसा महीने में चार-पांच बार करना पड़ता है। गुर्दा रोग से पीड़ित राकेश के पैरेंट्स ने बताया कि जैसलमेर में सुविधा नहीं होने से जोधपुर जाकर डायलिसिस करवाना पड़ रहा है।

डायलिसिस सुविधा होना बहुत जरूरी

कुछ समय पहले डा. संपूर्णानंद मेडिकल कालेज जोधपुर के नेफरोलाजी विभाग के प्रमुख डा. मनीष चतुर्वेदी जैसलमेर दौरे पर आए थे। उनका मानना था कि थार की परिस्थितियों की वजह से यहां गुर्दा रोग बढ़ रहा है। यहां डायलिसिस की सुविधा होना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि डायलिसिस को हैंडल करना आसान है। सामान्य प्रशिक्षण देने के बाद नर्स भी यह कार्य कर सकती है।

मानव गुर्दे व डायलिसिस प्रक्रिया

मानव शरीर में गुर्दे अति आवश्यक अंगों में से एक है। हमारे शरीर में पानी, अम्ल, क्षार एवं नमक की मात्रा को आवश्यकतानुसार नियमित रखने की कार्य प्रणाली में गुर्दों का विशेष महत्व है। हमारे शरीर से टाक्सीन्स एवं यूरिया सूत्र के माध्यम से बाहर निकलते हैं। मानव शरीर में दो गुर्दे होते हैं जो कि शरीर के मध्य में वक्ष के नीचे स्थित रहते हैं। प्रत्येक सामान्य गुर्दे की लंबाई करीब 12 सेंटीमीटर, चौड़ाई 6 सेंटीमीटर, मोटाई 3 सेंटीमीटर व वजन करीब 150 ग्राम होता है। सामान्यत दोनों गुर्दों का वजन शरीर के वजन का 1-200 भाग के करीब होता है। गुर्दों की वास्तविक कार्य इकाई को नेफ्रान कहते हैं। प्रत्येक गुर्दे में ऐसी 10 लाख इकाईयां होती है। ये इकाईयां मानव शरीर में प्रवाहित रक्त के मुख्य अव्यय ‘प्लाज्मा’ को फिल्टर करती है तथा पानी, क्षार, लवण व अन्य आवश्यक कणों व अव्ययों को नियंत्रित करती है। एक प्रकार से गुर्दे हमारे शरीर में फिल्टर हाउस की भूमिका निर्वाह करते हैं।

ऐसे होती है किडनी फेल

गुर्दों की कार्य क्षमता अचानक या बहुत कम समय में क्षीण हो सकती है। धीरे-धीरे लंबे समय में गुर्दे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। यह गुर्दे की बीमारियों, रक्त संचार में कमी अथवा शरीर में अन्य बीमारियों के दुष्प्रभाव पर निर्भर करता है। यदि गुर्दे की कार्य क्षमता व शक्ति अचानक या बहुत कम समय में क्षीण हो जाती है तो इसे ‘एक्यूट रीनल फेल्योर’ कहते हैं। यदि गुर्दों की कार्य क्षमता व शक्ति धीरे-धीरे व लंबे समय में क्षीण हो तो इसे क्रोनिक रीनल फेल्योर या यूरिमिया कहते हैं।

एक्यूट रीनल फेल्योर के मुख्य लक्षण


-रक्तचाप में आक्समिक गिरावट-अधिक रक्तस्राव जो कि गंभीर चोट, बड़ी शल्यक्रिया, प्रसूति में रक्तस्राव।
-शरीर में द्रव्य की कमी-उल्टी, दस्त व जलने पर द्रव्य की कमी।
- मलेरिया अवधि में दवा के सेवन, एंटीबायोटिक्स से, जहर सेवन, तीव्र संक्रमण, टोक्सीमिया व सर्पदंश ।

क्रोनिक रीनल फेल्योर के मुख्य लक्षण

डायबिटिज, उच्च रक्तचाप, पोलिसिस्टीक किडनी, पाइलो-नफ्रोइटिस, गुर्दा, पथरी व संक्रमण, लंबे समय तक दर्दनाशक दवा सेवन, एक्यूट रीनल फेल्योर का सही समय पर इलाज न होना।

डायलिसिस क्या है?


इसका मतलब है अल्ट्रेशन। इस पद्धति में एक कृत्रिम गुर्दा के माध्यम से हीमोडायलिसिस पद्धति द्वारा मरीज के रक्तद्रव्य को प्रवाहित कर रक्त को साफ किया जाता है, ताकी यूरिमिया की स्थिति कम हो और गुर्दे की कार्य क्षमता यथा स्थिति में बनी रहे। हीमोडायलिसिस एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कृत्रिम गुर्दा मशीन में एक डायलाइजर के द्वारा धमनियों से प्रवाहित रक्त को मशीन में फिल्टर किया जाता है।



Thursday, 17 July 2014

क्षणिकाएं: राखी पुरोहित




उम्मीद

जब-जब तुमसे मिलने की
उम्मीद नजर आई
मेरे पैरों में जंजीर 
नजर आई
गिर पड़े आंख से आंसू
हर आंसू में आपकी 
तस्वीर नजर आई

वक्त

वक्त बदलता है तो हालात
बदल जाते हैं
कहकहे टूटकर अश्कों में 
बिखर जाते हैं
जिंदगी भर कौन किसे
याद रखता है
वक्त के साथ-साथ
संदर्भ भी बदल जाते हैं। 

चोरी

सामने बैठकर दिल को चुराए कोई
ऐसी चोरी का पता क्या खाक लगाए कोई

दोस्ती

फूलों से क्या दोस्ती करनी
पल भर में मुरझाते हैं
दोस्ती करो तो कांटों से
जो चुभने के बाद भी याद आते हैं

रात

रात आती है मगर 
तेरी याद में कट जाती है
आंख सितारों में भी
टपटपाती है
इतने बदनाम हो गए तेरी मोहब्बत में ए सनम
अब तो नींद आते हुए भी शर्माती है। 

पत्थर

पत्थर को पिघलते देखा है
आसमां को झुकते देखा है
सच्ची चाहत में ताकत इतनी
इंसान को बदलते देखा है




क्षणिकाएंः राखी पुरोहित




पल

हम तो भूल भी जाएं वो पल
जो तेरे साथ बिताए हैं
तेरे प्यार ने ही वो पल
फिर याद दिलाए हैं

पैगाम

क्या पता कब मौत का पैगाम आ जाए
जिंदगी की आखिरी शाम आ जाए
हम तो यही चाहते हैं दोस्त 
कि जिंदगी किसी के काम आ जाए।

नजर

किस-किस की नजर लगेगी
किस-किस के जिगर चाक होंगे
एक होगा हमारा अरमां पूरा
तो न जाने कितनों के अरमां खाक होंगे।

जंजीर

अपनी तन्हाइयों को हम
यूं ही सजा देते हैं
आप ही अपने घर की
जंजीर हिला देते हैं।

खता

खता तो दिल की थी
जो चाहे सजा देना
ऐसा न हो दीद को
आंखें ही तरस जाए। 


Sunday, 13 July 2014

बाल कविता : डी.के. पुरोहित


वंदना


जय-जय-जय जगतपति
जय-जय भारत भारती
तू तेजोमय बलशाली
तू निज सुतों को तारती
मस्तक बना हिमालय
गंगा चरण पखारती
काश्मीर की वादियां
तेरा रूप निखारती
अलग-अलग धर्मों की
पुनीत ध्वजा तू धारती
भिन्न-भिन्न भाषाएं
तेरी शोभा बखानती
हरियाली की धानी चूनर
तेरा उर है संवारती
जय-जय-जय जगतपति
जय-जय भारत भारती।

बाल कविता : डी.के. पुरोहित

मानव का मानव से नाता

मानव का मानव से नाता
आओ हम समझाएं
नफरत, हिंसा, स्वार्थ की
दीवारों को आज गिरायें
गायें गीत खुशी के
खुशहाली छा जाये
भय का भूत निकालें
सबको गले लगायें
खेतों में धानी फसलें हों
हरियाली लहराये
उद्योग, व्यापार, वाणिज्य फले
विकास का रथ दौड़ाएं
मानव का मानव से नाता
आओ हम समझाएं।

बाल कविता : डी.के. पुरोहित

चित्रकार तुम चित्र बनाओ

चित्रकार तुम चित्र बनाओ
नूतन शैली अपनाओ
एक महल हो सपनों का
जिस पर चंदा मुस्काए
करते हों तारे झिल-मिल
हवा चांदनी संग गाये
पास कहीं झरना बहता हो
मीठी राग सुनाए
हरियाली धानी चूनर हों
प्रेम पुष्प महकाये
करतें हों पक्षी कलरव
और झूमें वृक्ष लताएं
सुर-संगीत सुनाये कान्हा
ऐसा मधुवन लाओ
चित्रकार तुम चित्र बनाओ।

बाल कविता : डी.के. पुरोहित

चंदा आए

शाम हुई निकले तारे
चंदा छत पर आए
चांदनी मुट्ठी में भरने
बाल मन ललचाए
अपनी छाया देखकर
अचरज में पड़ता जाए
दूर गगन में बैठा
चांद इस पर मुस्काए
चांद बड़ा ही सुंदर
अपने दाग कहां छिपाये
यही सोच-सोच उसका
रूप घटता जाए
शाम हुई निकले तारे
चंदा छत पर आए।

बाल कविता : डी.के. पुरोहित

साक्षरता की हवा चली

साक्षरता की हवा चली
आखर खुशबू छाई
पाटी-पोथी लेकर पढ़ने
लो आए लोग-लुगाई
क से कमला
अ से अनार
प से पतझड़
ब से बसंत बहार
साक्षरता से बढ़कर
नहीं कोई उपहार
गांव-शहर लहर चली
फैली आखर अरुणाई
पाटी-पोथी लेकर पढ़ने
लो आए लोग लुगाई।

बाल कविता : डी.के. पुरोहित

नाता

नदी का समुद्र से नाता
सूरज का प्रकाश से
बादल का वर्षा से नाता
चंदा का आकाश से
फूलों का डाली से नाता
विजय का मीठास से
माली का उपवन से नाता
और जीवन का सांस से
मछली का पानी से नाता
हंसी का उल्लास से
मौसम का हवा से नाता
दिवले का उजास से
मानव का मानव से नाता
बनता सदविश्वास से।


बाल कविता : डी.के. पुरोहित

महापुरुषों का मेरा देश

महापुरुषों का मेरा देश
ऋषि-मुनियों का धाम
आदर्शों का पाठ पढ़ाने
आए यहां श्रीराम
गौतम की करुणा देखी
गांधी की गंगधार
यहां धर्म की ध्वजा लिए
पैदा हुए कृष्णावतार
वेदों की यहां पुनीत ऋचाएं
रामायण और गीता
पूजा जाता हिमशिखर
बहे गंगा पुनीता
त्याग,तपस्या, प्रेम
कर्म करें सदा निस्काम
महापुरुषों का मेरा देश
ऋषि-मुनियों का धाम।

बाल कविता : डी.के. पुरोहित

तिमिर ने मात खाई

रात अंधेरी घिर आई
बादल पहरेदार हुए
नहीं चांद की चांदनी
तारे परदेदार हुए
इस निशा का अंत न होगा
शंकाओं ने डेरा डाला
वर्षा ने उत्पात मचाया
तूफान उठा मतवाला
दिवले पर संकट छाया
डगमगाई बाती की तार
आज उजाले पर कहीं
अंधियारा न हो जाये सवार
मगर रोशनी का संघर्ष जीता
तिमिर ने मात खाई
राह गहन अंधेरी चाहे
सदा सुबह सुहानी आई।