Wednesday, 20 November 2013

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शादियों में बिना लाइसेंस परोसी जा रही है शराब, आबकारी विभाग मौन


-नियमानुसार शादी-ब्याह जैसे अवसर पर आबकारी विभाग में निर्धारित शुल्क जमा करवा कर शराब का उपयोग करने का लाइसेंस लेना पड़ता है, लेकिन शहर में इन दिनों शादी समारोह में बिना लाइसेंस धड़ल्ले से शराब परोसी जा रही है...

-डी.के. पुरोहित-

जोधपुर। इन दिनों शादियों का सीजन है। शहर में खूब सावे हैं। अनुमान के अनुसार 200 से अधिक शादिया हैं। इन शादियों में शराब को धड़ल्ले से मेहमानों को परोसा जा रहा है। नियमानुसार शादी-ब्याह जैसे अवसरों पर आबकारी विभाग में निर्धारित शुल्क जमा करवाकर शराब के उपयोग का लाइसेंस लेना पड़ता है, लेकिन बिना लाइसेंस लिए शराब का उपयोग जमकर हो रहा है और आबकारी विभाग मौन है। 

जोधपुर में शादियों का सीजन चल रहा है। कार्तिक पूर्णिमा से शादियां शुरू हो गई हैं। इस बार सावे भी खूब है। इन विवाह समारोह के अवसर पर शराब का उपयोग जमकर हो रहा है। युवाओं में शराब और बीयर के प्रति खासा उत्साह रहता है। शराब और बीयर परोसना संपन्नता की निशानी भी मानी जाती है। लेकिन ये शराब बिना लाइसेंस परोसी जा रही है। 

नियम हैं नियमों का क्या

नियम तो होती ही तोड़ने के लिए हैं। शादियों में जमकर शराब का उपयोग हो रहा है और आबकारी विभाग उदासीन बना हुआ हैं । आबकारी विभाग का कहना है कि उन्हें शिकायत मिलने पर ही कार्रवाई की जा सकती है, जबकि कहीं से शराब के उपयोग की शिकायत नहीं मिली है। लेकिन शादी-ब्याह जैसे अवसरों पर आमतौर पर कौन शिकायत करता है? विभाग को ही पहल करनी चाहिए। इस बीच नियमों की अवहेलना हो रही है। आबकारी विभाग का कहना है कि इस सीजन के सावों में कहीं से आयोजकों ने शराब के उपयोग के लिए लाइसेंस नहीं लिया है। ना ही शराब के अवैध उपयोग की शिकायत ही मिली है, ऐसे में कार्रवाई कैसे की जा सकती है। 

बाहर पीने पर रोक नहीं है?

आबकारी विभाग का कहना है कि शादी समारोह में मेहमान अगर बाहर से शराब या बीयर पीकर आते हैं तो उस पर यह नियम लागू नहीं होता। हां, यदि समारोह में मेहमानों को शराब या बीयर परोसी जाती है तो यह नियम लागू होता है। लेकिन अभी तक किसी ने लाइसेंस के लिए एप्लाई नहीं किया है। 

रइसों की शादियो में शराब परोसना फैशन

अमीरों और संपन्न लोगों के यहां होने वाली शादियों में शराब परोसना फैशन बन चुका है। शहर में ऐसे लोगों के यहां भी खूब शादियां हैं, लेकिन ये संपन्न लोग भी मेहमानों का बिना लाइसेंस शराब परोस रहे हैं। यहां शराब का उपयोग मेहमानों के बीच जरूरी हो जाता है, लेकिन परमिशन या लाइसेंस नहीं लिया जाता। 

शाम 8 बजे के बाद पिछला दरवाजा खुलता है

शादियों के सीजन को देखते हुए शहर में शराब की दुकानें कहने को तो शाम आठ बजते ही बंद हो जाती है, मगर पिछला दरवाजा खुला रहता है। वहां से लोगों को शराब और बीयर सप्लाई की जाती है। इस बात की आबकारी विभाग व पुलिस को भी जानकारी है, मगर बताया जाता है कि उनकी भी मौन स्वीकृति होती है। बताया जा रहा है कि आबकारी विभाग व पुलिस का कमिशन बंधा होता है, जिसकी वजह से वे इन दुकानों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते। शादियों के सीजन में देर रात तक शराब की बिक्री होती है। 

बारातियों के स्वागत में शराब बन रही जरूरत

शहर में कई परिवार ऐसे भी हैं जिनके यहां अगर शादियां होती है तो मेहमानों खासकर बारातियों के स्वागत में शराब परौसी जाती है। यह उनके स्टेटस और परंपरा के अनुसार जरूरी होता है, लेकिन इसके लिए अस्थाई बार की परमिशन नहीं ली जा रही है। ऐसे में नियम एक तरफ पड़े रहते हैं और शराब का जमकर उपयोग होता है। 

सिलिब्रिटीज के स्वागत में भी बिना लाइसेंस शराब का उपयोग

शहर में सिलिब्रिटीज के स्वागत में यहां होने वाले आयोजनों में भी शराब के उपयोग की परमिशन नहीं ली जाती है। अगर किसी होटल में सिलिब्रिटीज की शादी, जन्म दिन या ऐसे ही आयोजन होते हैं तो मेहमानों को शराब परौसी जाती है, लेकिन अलग से परमिशन नहीं ली जाती है। कुछ होटलों को तो बार की पहले से ही परमिशन होती है, लेकिन कई होटल ऐसे भी होते हैं जिनके पास बार का लाइसेंस नहीं होता, फिर भी शराब सप्लाई की जाती है। 

बिना लाइसेंस कई होटलों में देर रात तक शराब का उपयोग

इधर, बताया जाता है कि कई होटलों के पास बार का लाइसेंस नहीं हैं, लेकिन फिर भी देर रात तक यहां शराब का उपयोग होता है। आबकारी विभाग को भी इसके बारे में जानकारी है, मगर कार्रवाई नहीं हो पाती। रातानाडा क्षेत्र में बताया जाता है कि कुछ होटलों व रेस्तरां में बिना वैध लाइसेंस के शराब परोसी जाती है। 

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