-अफीम व हेरोइन मिले पान से युवा कर रहे नशा, होटलों में पर्यटकों को होते हैं सप्लाई, लपकों के माध्यम से होती है चोरी-छुपे बिक्री
-डी.के. पुरोहित-
सूर्यनगरी में नशीले पान की बिक्री हो रही है। इस तरह के पान युवा खरीद कर नशा कर रहे हैं। पान में अफीम और हेराइन मिलाकर बेचे जा रहे हैं। विदेशी पर्यटक भी इस तरह के पान पसंद करते हैं ।
शहर में कई पान की केबिन चलाने वाले दुकानदार इस तरह के पान बेच रहे हैं। इस तरह पान बेचने से दुकानदार पकड़ में नहीं आते। पान में अफीम कत्थे के साथ मिला कर पान के पत्ते पर रगड़ी जाती है। इस प्रकार का कत्था अलग से रखा जाता है। ग्राहक इसके लिए कोडवर्ड से बात करता है। अगर ग्राहक कहता है कि काला पान दो, तो दुकानदार समझ जाता है कि उसे अफीम मिला पान चाहिए। इस तरह के पान फिक्स ग्राहकों को ही बेचे जाते हैं ।
हेरोइन मिला पान एक हजार में
दुकानदार हेरोइन मिला पान करीबन एक हजार रुपए में बेचते हैं। इसके लिए गोरा पान या व्हाइट पान कोडवर्ड बताया जाता है। शहर में कई लपके सक्रिय हैं जो सैलानियों के लिए इस तरह के पान खरीदते हैं। दुकानदार भी ऐसे लपकों को जानते हैं और उन्हें ही इस तरह के पान बेचते हैं । इस तऱ्ह के पान को सुखाकर जलाकर नाक से सुगंध लेकर नशा किया जाता है
इस तरह बनाया जाता है स्पेशल पान
इस तरह के पान में कत्था, सुपारी, किमाम, जर्दा, चेरी, मरहठी, हेरोइन मिला चूना, किसमिस, काजू के टुकड़े, चांदी का वर्क और कई अन्य आइटम डालकर स्पेशल रूप दिया जाता है। यदि अफीम का पान लेना हो तो अन्य वस्तुएं तो वही रहती है, हां, कत्था अफीम मिला लगाया जाता है ।
नई-नई शादी में दूल्हों की पसंद
जिनकी नई-नई शादी हुई है, वे दूल्हे इस तरह का पान पसंद करते हैं। बताया जाता है कि नशीले पान से उत्तेजना बढ़ जाती है। इस वजह से युवा अफीम मिला पान खरीदते हैं। इस तरह अफीम का नशा करने से शक भी नहीं होता ।
बुजुर्गों के लिए रहती है सहूलियत
पान के साथ अफीम मिला होने से बजुर्गों को नशा करने में सुविधा रहती है। वे आसानी से परिवार के साथ रहते हुए भी बिना किसी शक के नशा कर लेते हैं। शहर की पाॅश काॅलोनियों में कई बुजुर्ग इस तरह का पान खाकर नशा करते हैं ।
समाज में प्रतिष्ठा का द्योतक
बताया जाता है कि कुछ लोग इस प्रकार का पान खाना प्रतिष्ठा का सूचक मानते हैं। समाज में अलग दिखने की होड में भी नशीले पान सेवन किए जाते हैं। युवाओं के बीच परस्पर प्रतिस्पद्र्धा रहती है। इसी के चलते युवा नशीले पान का सेवन अधिक कर रहे हैं ।
लपके खरीद कर आगे महंगे दाम में बेचते हैं
बताया जाता है कि लपके बाजार से नशीले पान खरीदते हैं। फिर उसे आगे अधिक दाम में बेच देते हैं। खासकर युवा सैलानी इस तरह के पान पसंद करते हैं। शहर की जानी-मानी और प्रसिद्ध होटलों में भी इस तरह के पान लपकों के माध्यम से सप्लाई किए जाते हैं ।
अब रियाण में भी होती है नशीले पान की मनुहार
मारवाड़ में अफीम का नशा करना आम बात है। खुशी का अवसर हो या गमी का, मारवाड़ में अफीम की मनुहार की जाती है, इसे रियाण कहते हैं। अब रियाण में भी अफीम मिले नशीले पान की मनुहार होती है। ऐसा करने से कानूनी डर भी नहीं रहता क्योंकि पान की मनुहार करने से कोई शक भी नहीं कर पाता।
-डी.के. पुरोहित-
सूर्यनगरी में नशीले पान की बिक्री हो रही है। इस तरह के पान युवा खरीद कर नशा कर रहे हैं। पान में अफीम और हेराइन मिलाकर बेचे जा रहे हैं। विदेशी पर्यटक भी इस तरह के पान पसंद करते हैं ।
शहर में कई पान की केबिन चलाने वाले दुकानदार इस तरह के पान बेच रहे हैं। इस तरह पान बेचने से दुकानदार पकड़ में नहीं आते। पान में अफीम कत्थे के साथ मिला कर पान के पत्ते पर रगड़ी जाती है। इस प्रकार का कत्था अलग से रखा जाता है। ग्राहक इसके लिए कोडवर्ड से बात करता है। अगर ग्राहक कहता है कि काला पान दो, तो दुकानदार समझ जाता है कि उसे अफीम मिला पान चाहिए। इस तरह के पान फिक्स ग्राहकों को ही बेचे जाते हैं ।
हेरोइन मिला पान एक हजार में
दुकानदार हेरोइन मिला पान करीबन एक हजार रुपए में बेचते हैं। इसके लिए गोरा पान या व्हाइट पान कोडवर्ड बताया जाता है। शहर में कई लपके सक्रिय हैं जो सैलानियों के लिए इस तरह के पान खरीदते हैं। दुकानदार भी ऐसे लपकों को जानते हैं और उन्हें ही इस तरह के पान बेचते हैं । इस तऱ्ह के पान को सुखाकर जलाकर नाक से सुगंध लेकर नशा किया जाता है
इस तरह बनाया जाता है स्पेशल पान
इस तरह के पान में कत्था, सुपारी, किमाम, जर्दा, चेरी, मरहठी, हेरोइन मिला चूना, किसमिस, काजू के टुकड़े, चांदी का वर्क और कई अन्य आइटम डालकर स्पेशल रूप दिया जाता है। यदि अफीम का पान लेना हो तो अन्य वस्तुएं तो वही रहती है, हां, कत्था अफीम मिला लगाया जाता है ।
नई-नई शादी में दूल्हों की पसंद
जिनकी नई-नई शादी हुई है, वे दूल्हे इस तरह का पान पसंद करते हैं। बताया जाता है कि नशीले पान से उत्तेजना बढ़ जाती है। इस वजह से युवा अफीम मिला पान खरीदते हैं। इस तरह अफीम का नशा करने से शक भी नहीं होता ।
बुजुर्गों के लिए रहती है सहूलियत
पान के साथ अफीम मिला होने से बजुर्गों को नशा करने में सुविधा रहती है। वे आसानी से परिवार के साथ रहते हुए भी बिना किसी शक के नशा कर लेते हैं। शहर की पाॅश काॅलोनियों में कई बुजुर्ग इस तरह का पान खाकर नशा करते हैं ।
समाज में प्रतिष्ठा का द्योतक
बताया जाता है कि कुछ लोग इस प्रकार का पान खाना प्रतिष्ठा का सूचक मानते हैं। समाज में अलग दिखने की होड में भी नशीले पान सेवन किए जाते हैं। युवाओं के बीच परस्पर प्रतिस्पद्र्धा रहती है। इसी के चलते युवा नशीले पान का सेवन अधिक कर रहे हैं ।
लपके खरीद कर आगे महंगे दाम में बेचते हैं
बताया जाता है कि लपके बाजार से नशीले पान खरीदते हैं। फिर उसे आगे अधिक दाम में बेच देते हैं। खासकर युवा सैलानी इस तरह के पान पसंद करते हैं। शहर की जानी-मानी और प्रसिद्ध होटलों में भी इस तरह के पान लपकों के माध्यम से सप्लाई किए जाते हैं ।
अब रियाण में भी होती है नशीले पान की मनुहार
मारवाड़ में अफीम का नशा करना आम बात है। खुशी का अवसर हो या गमी का, मारवाड़ में अफीम की मनुहार की जाती है, इसे रियाण कहते हैं। अब रियाण में भी अफीम मिले नशीले पान की मनुहार होती है। ऐसा करने से कानूनी डर भी नहीं रहता क्योंकि पान की मनुहार करने से कोई शक भी नहीं कर पाता।
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