Tuesday, 11 February 2014

Filled Under:

खुद की नजर में ना गिरना

गीत : डी.के. पुरोहित

औरों की नजरों में गिरें
कोई रंज ना करना
याद रखना दोस्त मेरी बात
खुद की नजर में ना गिरना

दुनिया में कई मोड़ आएंगे
जब लोग दिल तोड़ेंगे
भावनाओं से खेलेंगे और
वक्त आने पर दगा देंगे
खुद पर रखना भरोसा
किसी मुश्क़िलों से ना डरना
याद रखना दोस्त मेरी बात
खुद की नजर में ना गिरना

भगवान भी कभी बेवक्त
परीक्षा हमारी लेते हैं
प्यार, ममता, करुणा के बदले
दुख हजार देते हैं
मगर हर डगर पार करना
दुख से विचलित ना होना
याद रखना दोस्त मेरी बात
खुद की नजर में ना गिरना

आंसू कहने को इक बूंद है
मगर इसमें गम का सागर है
लौट आती है लब पर हंसी
जब सुख की आती लहर है
जिंदगी है उम्मीद का नाम
इसको अनदेखा ना करना
याद रखना दोस्त मेरी बात
खुद की नजर में ना गिरना

0 comments:

Post a Comment