गीत : डी.के. पुरोहित
तेरी गोदी में मेरा सर हो
ना दुनिया का कोई डर हो
सुहाना यह सफर हो
मंजिल की ना फिकर हो
तो राही, ओ राही...
आ जाए मजा जीने का
आ जाए मजा जीने का
पवन में सुगंध का घर हो
दुआओं में गहरा असर हो
दोस्तों में अपनी बसर हो
हो मीठा, भलेही जहर हो
तो साकी, ओ साकी...
आ जाए मजा पीने का
आ जाए मजा पीने का
नैन भीगे औ प्यासे अधर हो
हो छोटा मगर कोई घर हो
अपनों का न अपनों में डर हो
शांत और शालीन शहर हो
तो खुदा, ओ खुदा...
रंग चढ़ जाए मदीने का
रंग चढ़ जाए मदीने का
तेरी गोदी में मेरा सर हो
ना दुनिया का कोई डर हो
सुहाना यह सफर हो
मंजिल की ना फिकर हो
तो राही, ओ राही...
आ जाए मजा जीने का
आ जाए मजा जीने का
पवन में सुगंध का घर हो
दुआओं में गहरा असर हो
दोस्तों में अपनी बसर हो
हो मीठा, भलेही जहर हो
तो साकी, ओ साकी...
आ जाए मजा पीने का
आ जाए मजा पीने का
नैन भीगे औ प्यासे अधर हो
हो छोटा मगर कोई घर हो
अपनों का न अपनों में डर हो
शांत और शालीन शहर हो
तो खुदा, ओ खुदा...
रंग चढ़ जाए मदीने का
रंग चढ़ जाए मदीने का
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