Thursday, 25 September 2014

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अनीता जांगिड़ की कविताएं



-अनीता जांगिड़ युवा कवयित्री है। आपकी कविताओं में जीवन का अनुभव, प्रेम की अभिव्यक्ति और भावों की गरिमा है। आपकी रचनाएं नियमित रूप से पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही है।

एक

कोशिश 

भुलाने की उनको
हर मुमकिन कोशिश की
मगर भुला न पाए
दर्द को छुपाने की
हर मुमकिन कोशिश की
पर छुपा नहीं पाए
चाहा कि किसी के आगे
यह आंसू निकल न पाए
पर अपनों के आगे
कोई कैसे इन्हें रोक पाए।

दो

रिश्ते 

कहने को सब रिश्ते-नाते हैं
पर बात जब मुझे समझने की हो
तब दोस्त ही काम आते हैं
अपनो के सामने 
अगर कह दूं
हाले-दिल तो
सब हंसकर आगे निकल जाते हैं
हां, पर दोस्त हमेशा 
साथ निभाते हैं। 

तीन

ख्वाब

अक्सर वो हमारे ख्वाब में आते हैं
जिन्हें हम भूलना चाहते हैं
जब हम उनके पास जाते हैं
तब वो और दूर हो जाते हैं
जब रहना ही है दूर
तो क्यों ख्वाब में आते हैं।

चार

शक नहीं था

चाहत की राह आसान कब थी
हमें चाहने वाले कितने हैं
इसकी पहचान कब थी
यूं मिल जाएंगे
राह में कभी
इसका उन्हें अंदाज नहीं था
और पा लेंगे वो मंजिल
उसके इरादे पर कभी हमें शक नहीं था। 

पांच

कीमत

दे सको तो मेरे आंसुओं की
कीमत दे देना
क्योंकि तुम अपने आपको
बहुत अमीर समझते हो न।

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