-40 हजार से अधिक लोगों ने फॉर्म भरे, लेकिन एक साल बीत गया अभी तक लॉटरी नहीं निकाली, यहां सुविधाएं भी नहीं है, लोगों में नगर परिषद के खिलाफ आक्रोश भड़का, कोर्ट जाने की चेतावनी
संजय पुरोहित. जैसलमेर
नगर परिषद की जवाहरलाल नेहरू योजना कोमा में चली गई है। आज से करीब साल भर पहले परिषद ने योजना लांच की थी, मगर तब से लेकर अब तक 13 महीने बीत गए हैं, न तो परिषद ने लॉटरी निकाली और न ही यहां सुविधाएं मुहैया करवाई। हालत यह है कि लोग अपने प्लॉट का इंतजार कर रहे हैं और परिषद लोगों को संतुष्ट नहीं कर पाई है।
आज से 13 महीने पहले कॉलोनी लांच की गई थी। लोगों ने फॉर्म के साथ ही राशि जमा करवा दी थी, लेकिन उन्हें न तो रुपए वापिस दिए और न ही प्लॉट के लिए लॉटरी ही निकाली। लोगों के सब्र का बांध भी टूट रहा है। कुछ लोगों ने कोर्ट में जाने की भी चेतावनी दी है।
करोड़ों रुपए लिए, ब्याज कौन देगा
जवाहरलाल नेहरू कॉलोनी में अपने नाम प्लॉट निकले, इस उम्मीद से 40 हजार से अधिक लोगों ने प्रारंभिक राशि फॉर्म के साथ भर दी थी। इन फॉर्मों से नगर परिषद को करोड़ों रुपए का राजस्व मिला, लेकिन न तो परिषद ने लॉटरी निकाली और न ही राशि लौटाई । और तो और इन करोड़ों रुपयों का ब्याज भी नगर परिषद हजम कर गई।
लोगों के साथ धोखा हो रहा है
नगर परिषद ने लोगों को सब्जबाग तो दिखाए मगर लॉटरी अभी तक नहीं निकाली गई है। लोगों का कहना है कि उनके साथ धोखा हो रहा है। 13 माह बीत गए परिषद जवाब ही नहीं दे रही है। लोग नगर परिषद के चेयरमैन व आयुक्त से कॉलोनी के बारे में पूछते हैं, लेकिन कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे रहे।
कोर्ट में जाएंगे
लोगों का कहना है कि एक महीने के भीतर अगर परिषद प्लॉट के लिए लॉटरी नहीं निकाल पाई तो मजबूरन कोर्ट की शरण लेनी पड़ेगी।
साहूकर से व लोन लेकर जमा करवाई थी राशि
लोगों का कहना है कि अपने आशियाने के ख्वाब के चलते साहूकार से राशि उधार लेकर और लोन लेकर राशि नगर परिषद में जमा करवाई थी। मगर अभी तक परिषद द्वारा लॉटरी निकालने की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है।
अब सब्र का बांध टूट रहा है
लोगों के सब्र का बांध अब टूट रहा है। उनका कहना है कि नगर परिषद उनकी भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने जैसे-तैसे राशि जमा करवाई थी, मगर 13 महीनों में परिषद ने उन्हें संतुष्ट नहीं किया।
कॉलोनी में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं
नगर परिषद ने इससे पहले लक्ष्मीचंद सांवल आवासीय कॉलोनी काटी थी, जिसमें सालों बीत गए, मूलभूत सुविधाएं विकसित नहीं की गई है। वहां पर कई मकान भी बन गए, लेकिन बिजली-पानी की सुविधा नहीं है। सड़कें भी क्षतिग्रस्त है। इसी तरह जवाहर लाल नेहरू आवासीय कॉलोनी में भी मूलभूत सुविधा मुहैया नहीं करवाई गई है। नियमानुसार कॉलोनी में बिजली-पानी की सुविधाएं मुहैया करवानी चाहिए, मगर परिषद इसमें विफल रही है। परिषद के पास अभियंताओं की कमी है। जो है भी तो वह नौ सिखिए हैं। यहां पर रोड बनी है लेकिन पूरी उधड़ गई है।
बोर्ड नाकाम, जन आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतारा
कांग्रेस का बोर्ड नाकारा साबित हुआ है। बोर्ड जनता की आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है। अधिकारी मौन है। जनता परेशान है। अगर यही रवैया रहा तो अगले चुनाव में जनता सबक सिखाएगी। परिषद ने जगह-जगह होर्डिंग्स लगाकर अपनी उपलब्धियों का बखान किया है, लेकिन वस्तुस्थिति यह है परिषद के बोर्ड ने केवल बड़े-बड़े वादे ही किए हैं, धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है।
संजय पुरोहित. जैसलमेर
नगर परिषद की जवाहरलाल नेहरू योजना कोमा में चली गई है। आज से करीब साल भर पहले परिषद ने योजना लांच की थी, मगर तब से लेकर अब तक 13 महीने बीत गए हैं, न तो परिषद ने लॉटरी निकाली और न ही यहां सुविधाएं मुहैया करवाई। हालत यह है कि लोग अपने प्लॉट का इंतजार कर रहे हैं और परिषद लोगों को संतुष्ट नहीं कर पाई है।
आज से 13 महीने पहले कॉलोनी लांच की गई थी। लोगों ने फॉर्म के साथ ही राशि जमा करवा दी थी, लेकिन उन्हें न तो रुपए वापिस दिए और न ही प्लॉट के लिए लॉटरी ही निकाली। लोगों के सब्र का बांध भी टूट रहा है। कुछ लोगों ने कोर्ट में जाने की भी चेतावनी दी है।
करोड़ों रुपए लिए, ब्याज कौन देगा
जवाहरलाल नेहरू कॉलोनी में अपने नाम प्लॉट निकले, इस उम्मीद से 40 हजार से अधिक लोगों ने प्रारंभिक राशि फॉर्म के साथ भर दी थी। इन फॉर्मों से नगर परिषद को करोड़ों रुपए का राजस्व मिला, लेकिन न तो परिषद ने लॉटरी निकाली और न ही राशि लौटाई । और तो और इन करोड़ों रुपयों का ब्याज भी नगर परिषद हजम कर गई।
लोगों के साथ धोखा हो रहा है
नगर परिषद ने लोगों को सब्जबाग तो दिखाए मगर लॉटरी अभी तक नहीं निकाली गई है। लोगों का कहना है कि उनके साथ धोखा हो रहा है। 13 माह बीत गए परिषद जवाब ही नहीं दे रही है। लोग नगर परिषद के चेयरमैन व आयुक्त से कॉलोनी के बारे में पूछते हैं, लेकिन कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे रहे।
कोर्ट में जाएंगे
लोगों का कहना है कि एक महीने के भीतर अगर परिषद प्लॉट के लिए लॉटरी नहीं निकाल पाई तो मजबूरन कोर्ट की शरण लेनी पड़ेगी।
साहूकर से व लोन लेकर जमा करवाई थी राशि
लोगों का कहना है कि अपने आशियाने के ख्वाब के चलते साहूकार से राशि उधार लेकर और लोन लेकर राशि नगर परिषद में जमा करवाई थी। मगर अभी तक परिषद द्वारा लॉटरी निकालने की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है।
अब सब्र का बांध टूट रहा है
लोगों के सब्र का बांध अब टूट रहा है। उनका कहना है कि नगर परिषद उनकी भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने जैसे-तैसे राशि जमा करवाई थी, मगर 13 महीनों में परिषद ने उन्हें संतुष्ट नहीं किया।
कॉलोनी में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं
नगर परिषद ने इससे पहले लक्ष्मीचंद सांवल आवासीय कॉलोनी काटी थी, जिसमें सालों बीत गए, मूलभूत सुविधाएं विकसित नहीं की गई है। वहां पर कई मकान भी बन गए, लेकिन बिजली-पानी की सुविधा नहीं है। सड़कें भी क्षतिग्रस्त है। इसी तरह जवाहर लाल नेहरू आवासीय कॉलोनी में भी मूलभूत सुविधा मुहैया नहीं करवाई गई है। नियमानुसार कॉलोनी में बिजली-पानी की सुविधाएं मुहैया करवानी चाहिए, मगर परिषद इसमें विफल रही है। परिषद के पास अभियंताओं की कमी है। जो है भी तो वह नौ सिखिए हैं। यहां पर रोड बनी है लेकिन पूरी उधड़ गई है।
बोर्ड नाकाम, जन आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतारा
कांग्रेस का बोर्ड नाकारा साबित हुआ है। बोर्ड जनता की आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है। अधिकारी मौन है। जनता परेशान है। अगर यही रवैया रहा तो अगले चुनाव में जनता सबक सिखाएगी। परिषद ने जगह-जगह होर्डिंग्स लगाकर अपनी उपलब्धियों का बखान किया है, लेकिन वस्तुस्थिति यह है परिषद के बोर्ड ने केवल बड़े-बड़े वादे ही किए हैं, धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है।
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