
मतलब के सब रिश्ते नाते
मतलब का संसार है
पैसों का सब मोल लगाते
धन-माया से प्यार है
दूर कहीं छूटा नारायण
कपट का सब व्यापार है
मतलब के सब रिश्ते नाते
मतलब का संसार है
आंख खोलकर देख ले बंदे
अच्छे नहीं ये गोरखधंधे
लालच के क्यों बुनता फंदे
प्रभु नाम में सार है
मतलब के सब रिश्ते नाते
मतलब का संसार है
आना-जाना लगा यहां है
मोह-माया में ठगा यहां है
ईश्वर ही बस सगा यहां हैं
बाकी सब कुछ बेकार है
मतलब के सब रिश्ते नाते
मतलब का संसार है
जीवन पर कब किसका दावा
जाने कब आ जाए बुलावा
दुनिया है बस एक छलावा
देह पलभर का शृंगार है
मतलब के सब रिश्ते नाते
मतलब का संसार है।
जानते तो सब हैं पर मानता कोई नहीं पर सत्य तो ये ही है कोई माने या ना माने
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