Thursday, 19 June 2014

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मेरा हर गीत अधूरा है


गीत: डी.के. पुरोहित


तेरे होंठ ना छुए तो
मेरा हर गीत अधूरा है
मेरा हर गीत अधूरा है

यह भावों की दुनिया है
मैं बाती तुम दीया हो
इसी जगत से ऊर्जा पाते
इस नाव के तुम्ही खिवैया हो
तेरे होंठ ना छुए तो
मेरा हर गीत अधूरा है
मेरा हर गीत अधूरा है 

तेरी मरजी से ये सपने
तुझसे चलता ये संसार
तुम्ही से चंद सांसे लेकर
मैने लिया जीवन उधार
तेरे होंठ ना छुए तो
मेरा हर गीत अधूरा है
मेरा हर गीत अधूरा है

तुम गाती हो तब ही
मैं लिख पाता हूं गीत
जीवन की इस रणभूमि में
तुमसे ही है मेरी जीत
तेरे होंठ ना छुए तो
मेरा हर गीत अधूरा है
मेरा हर गीत अधूरा है।

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