वर्ल्ड स्ट्रीट। जोधपुर
कंसारा समाज का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन विश्वकर्मा जांगिड़ पंचायत भवन शास्त्री नगर में संपन्न हुआ। इस मौके समाज के मुख्य संरक्षक बाबूलाल कंसारा उर्फ बाबा ने कहा कि फिजूलखर्च रोकने के लिए सामूहिक विवाह जैसे आयोजन करना जरूरी हो गया है। युवक-युवती परिचय सम्मेलन भी जरूरी है। समाज के विकास के लिए बहुत चुनौतियां हैं। ऐसे में समाज के लोगों को अपने सुझाव देकर योजनाएं शुरू करने के प्रयास करने चाहिए।
युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण
कंसारा ने कहा कि बालिका शिक्षा आज की जरूरत है। खासकर युवा अपनी शक्ति पहचाने और समाज के विकास में अपना योगदान दें। समाज के विकास के लिए एकजुट होना होगा। संस्थान के अध्यक्ष नंदकिशोर कंसारा ने कहा कि समाज के विकास में सभी लोगों की भागीदारी जरूरी है। पूर्व अध्यक्ष नवरतन कंसारा ने लिंगानुपात गड़बड़ाने पर चिंता जताई। आनंदप्रकाश कंसारा, बालकिशन कंसारा ने इस प्रकार के आयोजन समय-समय पर करने की आवश्यकता जताई।
इन्होंने निभाई भागीदारी
राजनारायण, दामोदरलाल, मनोहरलाल, रंजन कंसारा, पुरुषोत्तम कंसारा, कैलाश कंसारा, राजेश कंसारा, मघराज, इंद्रमल कंसारा, मोहनलाल कंसारा, शिवप्रकाश, नटवरलाल, डॉ. मदनलाल कंसारा, किशनलाल, चौथमल, अचलदास, भीकमचंद कंसारा, दिनेश कुमार सहित देश भर से चौदह खेड़ों से समाज के लोगों ने भाग लिया।
कंसारा समाज का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन विश्वकर्मा जांगिड़ पंचायत भवन शास्त्री नगर में संपन्न हुआ। इस मौके समाज के मुख्य संरक्षक बाबूलाल कंसारा उर्फ बाबा ने कहा कि फिजूलखर्च रोकने के लिए सामूहिक विवाह जैसे आयोजन करना जरूरी हो गया है। युवक-युवती परिचय सम्मेलन भी जरूरी है। समाज के विकास के लिए बहुत चुनौतियां हैं। ऐसे में समाज के लोगों को अपने सुझाव देकर योजनाएं शुरू करने के प्रयास करने चाहिए।
युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण
कंसारा ने कहा कि बालिका शिक्षा आज की जरूरत है। खासकर युवा अपनी शक्ति पहचाने और समाज के विकास में अपना योगदान दें। समाज के विकास के लिए एकजुट होना होगा। संस्थान के अध्यक्ष नंदकिशोर कंसारा ने कहा कि समाज के विकास में सभी लोगों की भागीदारी जरूरी है। पूर्व अध्यक्ष नवरतन कंसारा ने लिंगानुपात गड़बड़ाने पर चिंता जताई। आनंदप्रकाश कंसारा, बालकिशन कंसारा ने इस प्रकार के आयोजन समय-समय पर करने की आवश्यकता जताई।
इन्होंने निभाई भागीदारी
राजनारायण, दामोदरलाल, मनोहरलाल, रंजन कंसारा, पुरुषोत्तम कंसारा, कैलाश कंसारा, राजेश कंसारा, मघराज, इंद्रमल कंसारा, मोहनलाल कंसारा, शिवप्रकाश, नटवरलाल, डॉ. मदनलाल कंसारा, किशनलाल, चौथमल, अचलदास, भीकमचंद कंसारा, दिनेश कुमार सहित देश भर से चौदह खेड़ों से समाज के लोगों ने भाग लिया।
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