Wednesday, 8 January 2020

Filled Under:

और मौत के मुंह से डीके पुरोहित को हिली ग्रह ने बचा लिया, मेहरानगढ़ हादसे के कारण का खुलासा होते-होते बच गया


डी.के. पुरोहित. मेहरानगढ़ फोर्ट से
-आइए मैं आपको 30 सितंबर 2008 की अल सुबह ले चलता हूं। अभी में भूतकाल में हूं। सुबह 2 बजे से मैं यहीं हूं। थोड़ी ही देर में मेहरानगढ़ के इस चामुंडा माता मंदिर में हादसा होने वाला है। इसमें दोषी कौन है? इसकी जांच करने के लिए हिली ग्रह ने मुझे भूतकाल में भेजा है।
मंदिर के बाहर काफी भीड़ जमा हो गई है। अभी आसमां में अंधेरा है। धूप ने दस्तक नहीं दी है। यहां किशोर और युवाओं की संख्या अच्छी खासी है। मैं बच्चों और युवाओं के साथ आगे हूं। तभी एक धक्का आता है और बच्चे मुझ पर गिर पड़ते हैंमेरे मुंह से निकलता है-बचाओबचाओतभी मेरी आंख खुलती है तो मैं वर्तमान में अपने को नजर आता हूं। वहां बड़ा हादसा हो गया है? इसकी सच्चाई जानने के लिए मैं गया था, लेकिन मेरी भी हादसे में मौत हो सकती थी। इसलिए हिली ग्रह ने मुझे बचा लिया। हिली ग्रह के लोगों ने संकेत दिया है कि डीके पुरोहित को भूतकाल जाने में खतरा हो सकता है, इसलिए फिलहाल भूतकाल में नहीं भेजा जाएगा।
आओ अब चौपड़ा आयोग की रिपोर्ट पर मंथन करें :
गौरतलब है कि 30 सितंबर 2008 को जोधपुर के मेहरानगढ़ फोर्ट में अल सुबह मची भगदड़ में 216 बच्चों और युवाओं की मौत हो गई थी। साथ ही सौ से अधिक बच्चे और बड़े घायल हो गए थे। तब सरकार ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जस्टिस चौपड़ा आयोग का गठन किया था। पिछले 11-12 सालों में भाजपा और कांग्रेस की सरकारें रही, लेकिन किसी ने चौपड़ा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की। गौरतलब है कि गत भाजपा सरकार की मुखिया वसुंधरा  राजे के कार्यकाल में चौपड़ा आयोग ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। तब सरकार ने रिपोर्ट को सुरक्षा कारणों से सार्वजनिक नहीं की। पांच साल ऐसे ही बीत गए। फिर अशोक गहलोत की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनी। वर्तमान में सूबे की अशोक गहलोत सरकार ने जोधपुर की मेहरानगढ़ दुखांतिका की जांच के लिए गठित जस्टिस जसराज चोपड़ा की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने का निर्णय लिया था। यह रिपोर्ट विधानसभा में भी नहीं रखी गई। गहलोत कैबिनेट ने रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने का निर्णय लिया है। मामला कोर्ट में है।
डीके पुरोहित करेगा दूध का दूध पानी का पानी :
हालांकि परिस्थितियां विपरीत है। कोर्ट में भी हो सकता है मरने वालों को न्याय न मिले। राजनीतिक इच्छा शक्ति तो मर गई हैं। भाजपा और कांग्रेस सरकारों ने रिपोर्ट पर कुंडली मार ली है। हो सकता है इस मामले में जोधपुर के पूर्व नरेश गजसिंह दोषी सिद्ध हो जाए। हो सकता है भाजपा के पूर्व मंत्री भी इसमें फंस जाए। कुछ भी हो सकता है। मगर अब दारोमदार अदालत पर है। डीके पुरोहित अदालत और अदालत के बाहर नजर रखेगा। हिली ग्रह ने संकेत दिया है कि समय आने पर सच सामने लाया जाएगा। डीके पुरोहित दूध का दूध और पानी का पानी करेगा।








0 comments:

Post a Comment