कार्यशाला को संबोधित करते हुए शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार वर्तमान ने निजी क्षेत्र की शिक्षण संस्थाओं के लिए तरह तरह के नियम कायदे लगाकर उन पर अपना अंकुश बनाने का प्रयास कर रही है। निजी शिक्षण संस्थाओं को भी अपने आप को समयानुसार कानून एवं नियमों से अवगत रहना चाहिए तथा सेवारत शिक्षकों एवं कर्मचारियों का वेतन बैंक के माध्यम से करना चाहिए। अपनी संस्था के आय व्यय का ब्यौरा तैयार रखना चाहिए। उन्होंने निजी क्षेत्र की शिक्षण संस्थाओं को आपसी प्रतिस्पर्धा को समाप्त कर संगठनात्मक भाव से कार्य करना चाहिए। किसी भी छात्र को कक्षा 1 से आगे बिना टीसी प्रवेश नहीं दिया जा सकता है। प्रत्येक सत्र में विद्यार्थियों से 12 माह का शिक्षण शुल्क लेने का अधिकार है। कोई भी अधिकारी बकाया शिक्षण शुल्क के विद्यार्थियों को टीसी जारी करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। उन्होंने संचालकों कों संबोधित करते हुए विद्यालय का वार्षिक बजट, कार्ययोजना, महंगाई सूचकांक के अनुसार शुल्क वृद्धि, मान्यता के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन आदि विषयों पर विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों एवं पोकरण उपखंड के निजी शिक्षण संस्थाओं के संचालकों की समस्याओं का भी विस्तार पूर्वक सुनकर उनके समाधान का आश्वासन दिया।
Saturday, 27 August 2016
Filled Under: EDUCATION, JAISALMER, RAJASTHAN
जैसलमेर | गैर सरकारी शिक्षण संस्था संघ जिला जैसलमेर की एक दिवसीय कार्यशाला स्थानीय गांधी बाल मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय में संपन्न हुई। शिक्षा परिवार जयपुर के महासचिव अनिल शर्मा के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता गैर सरकारी शिक्षण संस्था संघ के अध्यक्ष ओम बिस्सा ने की। वही सेवानिवृत व्याख्याता कांता प्रसाद वासु मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित थे। मंचासीन अतिथियों का स्वागत अशोक रतनू, अजय केवलिया, अरविंद छंगाणी ने माला एवं साफा पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार वर्तमान ने निजी क्षेत्र की शिक्षण संस्थाओं के लिए तरह तरह के नियम कायदे लगाकर उन पर अपना अंकुश बनाने का प्रयास कर रही है। निजी शिक्षण संस्थाओं को भी अपने आप को समयानुसार कानून एवं नियमों से अवगत रहना चाहिए तथा सेवारत शिक्षकों एवं कर्मचारियों का वेतन बैंक के माध्यम से करना चाहिए। अपनी संस्था के आय व्यय का ब्यौरा तैयार रखना चाहिए। उन्होंने निजी क्षेत्र की शिक्षण संस्थाओं को आपसी प्रतिस्पर्धा को समाप्त कर संगठनात्मक भाव से कार्य करना चाहिए। किसी भी छात्र को कक्षा 1 से आगे बिना टीसी प्रवेश नहीं दिया जा सकता है। प्रत्येक सत्र में विद्यार्थियों से 12 माह का शिक्षण शुल्क लेने का अधिकार है। कोई भी अधिकारी बकाया शिक्षण शुल्क के विद्यार्थियों को टीसी जारी करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। उन्होंने संचालकों कों संबोधित करते हुए विद्यालय का वार्षिक बजट, कार्ययोजना, महंगाई सूचकांक के अनुसार शुल्क वृद्धि, मान्यता के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन आदि विषयों पर विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों एवं पोकरण उपखंड के निजी शिक्षण संस्थाओं के संचालकों की समस्याओं का भी विस्तार पूर्वक सुनकर उनके समाधान का आश्वासन दिया।
निजी शिक्षण संघ की एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न
कार्यशाला को संबोधित करते हुए शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार वर्तमान ने निजी क्षेत्र की शिक्षण संस्थाओं के लिए तरह तरह के नियम कायदे लगाकर उन पर अपना अंकुश बनाने का प्रयास कर रही है। निजी शिक्षण संस्थाओं को भी अपने आप को समयानुसार कानून एवं नियमों से अवगत रहना चाहिए तथा सेवारत शिक्षकों एवं कर्मचारियों का वेतन बैंक के माध्यम से करना चाहिए। अपनी संस्था के आय व्यय का ब्यौरा तैयार रखना चाहिए। उन्होंने निजी क्षेत्र की शिक्षण संस्थाओं को आपसी प्रतिस्पर्धा को समाप्त कर संगठनात्मक भाव से कार्य करना चाहिए। किसी भी छात्र को कक्षा 1 से आगे बिना टीसी प्रवेश नहीं दिया जा सकता है। प्रत्येक सत्र में विद्यार्थियों से 12 माह का शिक्षण शुल्क लेने का अधिकार है। कोई भी अधिकारी बकाया शिक्षण शुल्क के विद्यार्थियों को टीसी जारी करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। उन्होंने संचालकों कों संबोधित करते हुए विद्यालय का वार्षिक बजट, कार्ययोजना, महंगाई सूचकांक के अनुसार शुल्क वृद्धि, मान्यता के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन आदि विषयों पर विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों एवं पोकरण उपखंड के निजी शिक्षण संस्थाओं के संचालकों की समस्याओं का भी विस्तार पूर्वक सुनकर उनके समाधान का आश्वासन दिया।
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