Friday, 10 July 2015

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मध्यप्रदेश से तस्करी कर लाया जा रहा है मारवाड़ में अफीम

-नीमच सहित आसपास के इलाकों से की जा रही है तस्करी, मारवाड़ में अफीम का उपयोग अधिक होता है, अफीम के लिहाज से बन रहा है बड़ा मार्केट
-डी.के. पुरोहित-
अफीम की तस्करी के तार मध्यप्रदेश से मारवाड़ के साथ जुड़े हैं। मध्यप्रदेश के नीमच सहित आस-पास के क्षेत्रों से बड़ी मात्रा में अफीम की सप्लाई मारवाड़ में हो रही है। मारवाड़ परंपरागत रूप से अफीम का बड़ा बाजार है। यहां गमी, खुशी, चुनाव और कई अवसरों पर इसका जम कर उपयोग होता है। पूर्व रक्षा मंत्री जसवंत सिंह जसोल भी अफीम की रियाण मामले में फंस चुके हैं। यहां पर शादी-विवाह में अफीम का हेला होता है। रियाण में अफीम की मनुहार आम बात है। ऐसे में बड़ा बाजार होने की वजह से मध्यप्रदेश अफीम का बड़ा सप्लायर बना हुआ है।

मध्यप्रदेश के नीमच में परंपरागत रूप से अफीम का उत्पादन होता रहा है। शुक्रवार को रोडवेज बस में एक तस्कर की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर अफीम की तस्करी का काला कारोबार सामने आया है। यह तो संयोग मात्र है, इससे पहले कभी रोडवेज की जांच नहीं की गई। अचानक जांच में जिस प्रकार से तस्करी का अफीम का दूध बरामद हुआ है, ऐसे मामले पहले सामने नहीं आए। हां, कुछ समय पहले ट्रेन से अफीम बरामद हो चुका है। एक बार फिर अफीम का दूध बरामद होने से जाहिर हो गया है कि अफीम की तस्करी का कारोबार अभी थमा नहीं है। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां नियमित जांच नहीं करती। जांच और सुरक्षा व्यवस्था लचर होने की वजह से अफीम तस्कर पुलिस की पकड़ में नहीं आते।

मध्यप्रदेश के नीमच से रोडवेज बस में जोधपुर अफीम की सप्लाई करने आए एक तस्कर को पुलिस ने शुक्रवार को 820 ग्राम अफीम के दूध के साथ पकड़ा। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर अफीम खरीदार के बारे में पड़ताल कर रही है। उदयमंदिर थानाधिकारी राजूराम चौधरी ने बताया कि मध्यप्रदेश के नीमच में नानाखेड़ा निवासी मांगीलाल (50) पुत्र हीरालाल बंजारा शुक्रवार को रोडवेज बस में एमपी से जोधपुर आया था। पुलिस ने रोडवेज बस स्टेंड पर तलाशी अभियान के तहत मांगीलाल के रोडवेज बस से देर शाम उतरते ही बैग की तलाशी ली तो उसमें 820 ग्राम अफीम का दूध मिला। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अफीम के दूध की सप्लाई बीजेएस में रहने वाले एक युवक को करने वाला था। आरोपी एमपी से अफीम 70 हजार रुपए किलोग्राम के हिसाब से खरीद जोधपुर में 1 लाख रुपए किलोग्राम के भाव से बेचता था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर अफीम लेने वाले युवक की तलाश में लगी रही।

इधर, एक बार फिर अफीम की तस्करी की आशंका से मध्यप्रदेश के खिलाफ तार जुड़ते नजर आ रहे हैं। अगर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां नियमित जांच करती है तो ऐसे कई मामले सामने आ सकते हैं। गौरतलब है कि जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर और प्रदेश के अन्य स्थानों पर भी अफीम का हाका होता है। इस हेले में स्थानीय लोग शामिल होते हैं। अफीम का उत्पादन मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर होता रहा है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती से इसके उत्पादन पर रोक जरूर लगी थी, लेकिन हाल ही में पकड़ में आए मामले के बाद फिर हफीम की तस्करी में मध्यप्रदेश का नाम सुर्खियों में आया है। 

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