Wednesday, 12 March 2014

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कैसे मिले प्यार के रास्ते

गीत : डी.के. पुरोहित



उस गली में तू है
इस गली में मैं हूं
बीच में हजारों दीवारें हैं
कैसे मिले प्यार के रास्ते
प्यार के हजारों हत्यारे हैं

प्यार कभी किसी से डरता नहीं
डर-डर कर कोर्इ प्यार करता नहीं
कैसे कह दूं मैं तुझपे मरता नहीं
अब चाहे जान जाए परवाह नहीं
बदली हवा के सहारे हैं
कैसे मिले प्यार के रास्ते
प्यार के हजारों हत्यारे हैं

दीवाने जानते हैं प्यार पे मरना
मेरी मौत का तूं रंज ना करना
दुनिया का सितम लेकिन ना सहना
मरते हैं आदमी प्यार नहीं मरता
सागर लहरों के सहारे हैं
कैसे मिले प्यार के रास्ते
प्यार के हजारों हत्यारे हैं

फूलों में गंध समार्इ है
तू मेरे मन को भार्इ है
प्यार के बीच में बेशक खार्इ है
झुकना हमें अब ना है मंजूर
मजनू की बनती मजारें हैं
कैसे मिले प्यार के रास्ते
प्यार के हजारों हत्यारे हैं

धरती पर मरे तो आसमां जाएंगे
सितारे बन जग में छा जाएंगे
टिमटिम करके झिलमिलाएंगे
चांद प्यार का गवाह बनेगा
चांदनी हमारे सहारे हैं
कैसे मिले प्यार के रास्ते
प्यार के हजारों हत्यारे हैं।

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