स्वागत नया साल 2015
-डी.के. पुरोहित-
समय बीत रहा है। तेजी से। दो माह बाद नया साल स्वागत को आतुर है। नए साल में फिर नई उम्मीदें मन संजो रहा है। एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में हम सबने कुछ न कुछ नया करने का संकल्प लिया होगा। प्रशासन, राजनीति, पुलिस, शिक्षा जगत, चिकित्सा और विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यों की हमें अपेक्षाएं हैं। जोधपुर संभावनाओं से भरा महानगर है। यहां हर दिन नई योजनाएं बनती है। पग-पग पर चुनौतियां हैं। जो उपलब्धियां यहां है, उन्हें सहेजते हुए आगे सपनों को बुनना है। ऐसे में कौन क्या जिम्मेदारी निभाएं, प्रस्तुत है यहां कुछ अपेक्षाएं, जो हम 12 जिम्मेदारों से नए वर्ष में लगा रहे हैं।
1.कलेक्टर डा. प्रीतम बी. यशवंत
लॉन्गटर्म टूरिज्म की चुनौती
-शहर की मौलिक पहचान, संस्कृति और परंपरा को बचाते हुए लोंगटर्म टूरिज्म के लिए योजनाएं बनानी होंगी। शहर के विकास के लिए जितनी भी योजनाएं शुरू की गई हैं, उन्हें तेजी से पूरी करवानी होंगी। आरओबी, आरयूबी सहित हर क्षेत्र में काम निर्धारित समयावधि में पूरा करवाने के साथ ही उसकी गुणवत्ता देखनी होगी। शहर की बिगड़ी पार्किंग और ट्रैफिक व्यवस्था को दुरूस्त करना बड़ी चुनौती है।
2.संभागीय आयुक्त हेमंत गेरा
योजनाबद्ध विकास की जरूरत
-जिम्मेदार प्रशासन का फर्ज निभाते हुए संसाधनों का समुचित उपयोग करवाते हुए सिटी का विकास करना होगा। संभाग के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, पाली सहित अन्य शहरों के प्रशासन को जिम्मेदार बनाना होगा। साथ ही अपने विवेक के आधार पर योजनाओं का त्वरित क्रियान्वयन करवाना होगा।
3.पुलिस कमिश्नर अशोक कुमार राठौड़
शांति व सौहार्द की जरूरत
-शहर में अपराध बढ़ रहे हैं। हर दूसरे दिन चोरी, हर चौथे दिन लूट और हत्याएं हो रही हैं। शांति व सुरक्षा का वातावरण बनाते हुए अपराधियों पर लगाम कसनी होगी। सूर्यनगरी जिस शांति और सौहार्द के लिए जानी जाती है, उसके कलेवर को बनाए रखने की अपेक्षाएं हैं। साथ ही जनता में पुलिस के प्रति विश्वास कायम करना होगा।
4.सांसद गजेंद्रसिंह शेखावत
शहर का विकास हो प्राथमिकता
-नरेंद्र मोदी ने जो उम्मीद देश को जगाई है, उसकी एक कड़ी बनते हुए सांसद को जोधपुर के विकास में लगना होगा। बजट घोषणाओं को पूरा करवाते हुए शहर का सर्वांगीण विकास करवाना होगा। बिना राजनीतिक भेदभाव के 36 कौम के विकास को तत्पर रहना होगा।
5.विधायक शहर कैलाश भंसाली
रिफाइनरी लगवानी होगी
-जिन मुद्दों पर शहर ने उन्हें दूसरी बार चुना है, उन मुद्दों पर खरा उतरना होगा। शहर भाजपा की ओर उम्मीदों भरी नजर से देख रहा है। जो काम पिछली सरकार ने अधूरे छोड़े हैं, उन्हें पूरा करना होगा। खासकर रिफाइनरी लगाने और शहर को प्राकृतिक ऊर्जा से संपन्न करने के साथ जलप्रदाय योजनाओं और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाना होगा।
6.सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास
बस्तियों का नियमन करवाना होगा
-कई बस्तियों में बिजली पहुंचाने, कच्ची बस्तियों के नियमन करवाने और शहर की अधूरी योजनाओं को पूरा करवाने की ओर ध्यान देना होगा। नई योजनाओं को मूर्त रूप देने के साथ ही विधायक कोष का सदुपयोग करते हुए आम आदमी के हित को साधना ही उनसे अपेक्षित है।
7.सरदारपुरा विधायक अशोक गहलोत
जनोपयोगी योजना बंद न हो
- अशोक गहलोत पूर्व मुख्यमंत्री है। दो बार प्रदेश की बागडौर संभाल चुके हैं। वे अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। उनसे अपेक्षाएं हैं कि उन्होंने जो योजनाएं शुरू की उसे सुचारू रखवाएं और जिन योजनाओं पर वे काम करना चाहते थे, उन्हें भी शुरू करवाएं। इस बार विपक्ष का नेता विधानसभा में नहीं हैं, लेकिन अपनी उपस्थिति को बताते हुए सरकार का ध्यान अपने गृहनगर की ओर खींचें और लोगों के सपने पूरे करवाएं।
8.कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हाईकोर्ट सुनील अंबवानी
पारदर्शी फैसले हों
-राजनीति, नौकरशाही पर लगाम कसने और आम आदमी के साथ न्याय करने की महत्ती जिम्मेदारी न्यायपालिका की है। ऐसे में हर आदमी आशा भरी नजरों से देख रहा है। न्यायपालिका ने अपनी जिम्मेदारी हर हाल में निभाई है। ऐसे में जोधपुर जैसे स्थान पर जहां हाईकोर्ट है, मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। हर क्षेत्र में पारदर्शी फैसले और न्याय के लिए उनसे शहर, प्रदेश और देश की नजर है।
9.आयुक्त नगर निगम हरिसिंह राठौड़
शहर को साफसुथरा बनाने की जिम्मेदारी
-महापौर के साथ मिलकर शहर के विकास पर ध्यान देना होगा। जोधपुर में सफाई के जिस मुद्दे पर आमिर खान ने बहस छेड़ी थी, उसे सार्थक करना होगा। जोधपुर महानगर है, मगर यहां गंदगी का साम्राज्य है। ऐसे में नगर निगम के आयुक्त के रूप में राठौड़ को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभानी होगी। अधूरे पड़े कार्यों को पूरा करवाना होगा।
10 आयुक्त जेडीए भूराराम चौधरी
मास्टर प्लान बनाना चुनौती
-शहर का मास्टर प्लान बनाना और उसे लागू करवाना जेडीए की जिम्मेदारी है। इसके लिए आयुक्त चौधरी को ध्यान देना होगा। शहर की सड़कें उधड़ी हुई हैं। यहां तक की खजाना खाली होने की वजह से ठेकेदारों को भी भुगतान नहीं हो रहा है। ऐसे में आयुक्त को नई योजनाएं बनाकर खजाना भरना होगा और शहर की सड़कों की मरम्मत व निर्माण करवाना होगा।
11 प्रिंसिपल एसएन मेडिकल कालेज केसी अग्रवाल
अस्पतालों की व्यवस्थाएं सुधारनी होगी
-शहर के तीनों बड़े सरकारी अस्पताल और सैटेलाइट अस्पतालों की व्यवस्थाएं सुधारना चुनौती हैं। डाक्टरों को रोगियों और उनके परिजनों के प्रति जिम्मेदार बनाना। रेजिडेंट्स को अनुशासित करने और उन्हें उनकी जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करना बड़ा मुद्दा है। अस्पतालों में आए दिन होने वाले झगड़ों को रोकना और मेडिकल कालेज में रैगिंग जैसी घटनाएं न हों, इसके लिए सख्त कदम उठाने होंगे।
12 जेएनवीयू कुलपति प्रो. भंवरसिंह राजपुरोहित
शिक्षा का आदर्श वातावरण बनाना होगा
-जयनारायण व्यास विवि राजस्थान का दूसरा बड़ा विश्वविद्यालय है। यहां शिक्षा का माहौल सकारात्मक बनाने के साथ ही छात्र हित में प्रशासनिक निर्णय लेने की जरूरत है, ताकी स्टूडेंटृस आए दिन हड़ताल की डगर पर न चलें। समय पर परीक्षाएं करवाना, समय पर रिजल्ट और नियमित क्लासों सहित अन्य जिम्मेदारियां निभाना जिम्मेदार प्रशासक के नाते उनसे अपेक्षित हैं।