-स्विश बैंकों में गोपनीय खातों में जमा है राशि, पाकिस्तान की सामरिक ताकत बढ़ाने के नाम पर घातक हथियार खरीदे और भ्रष्टाचार किया
-क्रिकेट के बेताज बादशाह और कप्तान के
रूप में स्थापित पाकिस्तान प्रधानमंत्री खान के स्विश बैंकों में अलग-अलग अकाउंट है।
इनमें किस्तों में राशि जमा है
(एजेंसी. इस्लामाबाद)
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने
18 अगस्त 2018 को प्रधानमंत्री बनने के बाद चीन से घातक हथियारों की खरीद की। करीब
15 हजार करोड़ के हथियारों की खरीद में इमरान खान ने 500 करोड़ रुपए कमीशन बनाया। पाकिस्तान
की सेना और सामरिक ताकत पर रिसर्च करने वाले एक अमेरिकी जासूस नी. बेटन ने दावा किया
है कि पाकिस्तान ने पिछले दो-तीन साल में चीन से खरीदे घातक हथियारों से सामरिक ताकत
बनाई है। साथ ही प्रधानमंत्री खान ने करीब 500 करोड़ रुपयों की हेराफेरी की है। यह राशि
स्विश बैंकों में अलग-अलग खातों में जमा करवाई गई है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक स्विश
बैंकों में cap pak नाम से गोपनीय खाते में करीब 200, cricket man नाम से खाते में
150 करोड़ और इतनी ही राशि all rounder नाम से खोले गए खातों में है।
भारत से जारी तनाव के बीच चीन एशिया के
कई देशों को अपने घातक हथियारों से पाट रहा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की रिपोर्ट
के अनुसार, पिछले दो-तीन साल में दुनिया में सबसे अधिक हथियार खरीदने वाले देशों की
लिस्ट में पाकिस्तान दसवें स्थान पर काबिज है। इस दौरान पाकिस्तान ने दुनियाभर में
आयात किए गए कुल हथियारों का 2.7 फीसदी हिस्सा खरीदा है। पाकिस्तान ने आयात किए गए
कुल हथियारों का 74 फीसदी हिस्सा अकेले चीन से खरीदा है। स्वीडन
के थिंकटैंक सिपरी की एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है। इन रक्षा प्रणालियों की ख़रीद
के बाद पाकिस्तान एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे ज़्यादा हथियार ख़रीदने वाले देशों
में शामिल हो गया है। हथियार ख़रीदने के मामले में पाकिस्तान ने अपने पड़ोसी दोस्त
चीन पर सबसे ज़्यादा भरोसा किया है। पिछले दो-तीन साल में 15 हजार करोड़ रुपयों से भी
अधिक की हुई डील में कई घातक विमान, पनडुब्बी और मिसाइल आदि शामिल है। पनडुब्बियों
को पाक ने समुद्री सीमा पर सामरिक ताकत बढ़ाने के लिए आयात किया है। चीन ने पाकिस्तान
को अलग-अलग तरह के जेएफ़-17 फ़ाइटर जेट विमान बेचे हैं जबकि पाकिस्तान चीन से लाइसेंस
के तहत जेएफ़-17 थंडर और एफ़सी-1 टाइप जेट देश में ही बना रहा है। पाकिस्तान ऐसे
50 फ़ाइटर जेट विमान बना रहा है। चीन के अलावा पाकिस्तान ने तुर्की से मिलजेम युद्धपोतों
का आयात भी किया है. पाकिस्तान स्थानीय स्तर पर भी इन जहाज़ों को तैयार कर रहा है।
हाल के सालों में पाकिस्तान सैन्य औद्योगिक परिसर ने कराची डॉकयार्ड और ऐरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स
कामरा में स्थानीय स्तर पर युद्धपोत, पनडुब्बी, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर तैयार करने
की क्षमता हासिल कर ली है। वहीं पाकिस्तान के एक और रक्षा उद्योग पाकिस्तान ऑर्डिनेंस
फ़ैक्ट्री (वाह कैंट) के पास छोटे हथियार और गोला बारूद बनाने की क्षमता है। सिपरी
के दस्तावेज़ के मुताबिक़, पाकिस्तान ने विदेशों से लड़ाकू जेट, लड़ाकू हेलीकॉप्टर,
पनडुब्बी और युद्धपोत आयात किए हैं, लेकिन फिर उन्हें स्थानीय स्तर पर निर्मित किया
है। दूसरे शब्दों में कहें तो, निर्माण में उपयोग किए जाने वाले अधिकांश भाग आयात किए
गए हैं, लेकिन अंतिम हथियार प्रणाली स्थानीय रूप से बनाई गई है। पाकिस्तान ने बड़ी
दिलचस्पी के साथ मिस्र से पहले से इस्तेमाल किए गए मिराज-5 फ़ाइटर जेट आयात किए हैं,
हालांकि पाकिस्तान की वायुसेना पहले से ही फ्रांस में निर्मित इन लड़ाकू विमानों का
इस्तेमाल कर रही थी।
सरक्रीक बॉर्डर पर तनाव खड़ा कर रहा पाकिस्तान :
एक एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान की नजर अब सरक्रीक बॉर्डर पर है। वह वहां
पर अपने युद्धपोत तैनात कर तनाव की स्थिति बना रहा है। भारतीय जल सेना हालांकि सरक्रीक
बॉर्डर पर निगरानी कर रही है, मगर चीन से मदद मिलने के बाद पाकिस्तान की नजर समुद्री
ताकत बढ़ाने पर है। इधर, भारतीय सेना भी मुंहतोड़ जवाब देने को तेयार है। पिछले तीन महीनों
से पाकिस्तान समुद्री सीमा पर हलचल तेज कर चुका है। इधर खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक
पाकिस्तान के इरादे साफ नहीं है। पाकिस्तान ने पिछले दिनों कुछ मछुहारों को भी पकड़ा
था, जिसे बाद में भारत की चेतावनी के बाद छोड़ दिया गया था।
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