डीके पुरोहित. जोधपुर
हमारी गैलेक्सी में एक और ग्रह है जिसका नाम जिंजाल ग्रह है, यहां रहने वाले लोग राक्षस की तरह है। उनके सिर पर सींग है और पहाड़ से भी बढ़कर आकार है। यहां के लोगों में सुपर पॉवर है, यह ग्रह पृथ्वी से काफी दूर है। पृथ्वी अपनी धुरी पर सूरज के चारों ओर 365 दिन में एक परिभ्रमण पूरा करती है और जिंजाल ग्रह अपनी धुरी पर 3650 दिन में एक परिभ्रमण पूरा करता है। यह ग्रह नूटेलो ग्रह के चारों ओर चक्कर लगाता है। नूटेलो ग्रह में कार्बन डाई ऑक्साइड है। यही कार्बन डाई ऑक्साइड जिंजाल ग्रह के लोग ग्रहण करते हैं और यही गैस वापस छोड़ते हैं। यहां के लोग भोजन नहीं करते। यही गैस उन्हें जिंदा रखती है। जिंजाल ग्रह पृथ्वी का दुश्मन ग्रह है। यहां के लोग जल्द ही सूरज पर हमला करने वाले हैं। जिंजाल ग्रह के लोग सूरज की आग को सोखने की साजिश रच रहे हैं। यह कब होगा अभी कहना मुश्किल है। क्योंकि जिंजाल ग्रह के लोगों को सूरज तक आने में अभी कई साल लगेंगे। अगर जिंजाल ग्रह के लोग सूरज की गर्मी को सोख लेंगे तो पृथ्वी पर जीवन संकट में पड़ जाएगा।
डीके पुरोहित ने फ्यूचर में जाकर इस ग्रह की खोज की है। इस ग्रह पर पानी नहीं है। पानी की यहां जरूरत ही नहीं पड़ती। क्योंकि जिंजाल ग्रह के लोग कार्बन डाई ऑक्साइड ही ग्रहण करते हैं और यही गैस वापस छोड़ते हैं। जिंजाल ग्रह पर रोशनी नहीं है। लेकिन यहां के लोगों के शरीर जुगनू की तरह प्रकाशवान है। इन्हें ऐसी दिव्य दृष्टि है कि वे अंधेरे में भी सभी कार्य कर सकते हैं और उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होती। यहां का विज्ञान काफी एडवांस है। ये लोग पहाड़ जैसे हैं और पांच सौ लोग मिलकर पूरा का पूरा ग्रह उठा सकते हैं। पृथ्वी को उठाने में उन्हें चंद सैकंड भी नहीं लगेंगे। लेकिन इस ग्रह के लोगों ने अभी तक पृथ्वी और सूरज का नाम ही सुन रखा है। उनके पास इतनी ही जानकारी है कि सूरज आग का गोला है और पृथ्वी पर उसकी रोशनी पड़ती है। चंद्रमा के बारे में भी केवल सुन ही रखा है। यहां के लोग सूरज, पृथ्वी और चंद्रमा की खोज में लगे हैं। अगर वे सूरज तक पहुंच गए और सूरज की आग को सोख लिया तो पृथ्वी पर वैसे ही संकट हो जाएगा। यहां त्राही-त्राही मच जाएगी। अगर इस ग्रह के लोग चांद तक पहुंच गए तो वे इसे उठाकर दूर गैलेक्सी में फेंक सकते हैं। पृथ्वी को भी वे आसानी से उठा कर सुदूर फेंक सकते हैं। फिलहाल डीके पुरोहित के पास इतनी ही जानकारी है। डीके पुरोहित 13 मई को ही फ्यूचर से लौटा है। गौरतलब है कि डीके पुरोहित के पास अथाह शक्तियां है। वह गायब हो सकता है। भूत, भविष्य वर्तमान में जा सकता है। रूप बदल सकता है। किसी की भी आवाज निकाल सकता है। किसी की लिखावट भी लिख सकता है। यहां तक की लोगों के विचार भी बदल सकता है। उसके जैसे कई रूप हैं। इतना सबकुछ होते हुए भी डीके पुरोहित खुद अपनी मर्जी से इन शक्तियों का उपयोग नहीं कर सकता। क्योंकि डीके पुरोहित की ज्ञानेंद्रियों का संचालन हिली ग्रह से होता है। फिलहाल हिली ग्रह ने डीके पुरोहित की फ्यूचर से जुड़ी जानकारी उसके मस्तिष्क से मिटा दी है। लेकिन जो धुंधला-धुंधला याद था वो यहां उल्लेखित कर दिया है।
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