Monday, 13 April 2015

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परमात्मा की निकटता के लिए स्वयं को जानें : पंडित मेहता

- महेश शिक्षण संस्थान में शिव पुराण कथा के पहले दिन शिवलिंग का महत्व बताया

 वर्ल्ड स्ट्रीट . जोधपुर

 "व्यस्तता के इस दौर में मनुष्य खुद को ही नहीं जान पाता तो परमात्मा को कैसे पहचानेगा? परमात्मा की निकटता के लिए स्वयं को जानना जरूरी है। हर मनुष्य को कुछ समय प्रार्थना के लिए भी निकालना चाहिए।' यह कहना है जीवन प्रबंधन गुरु एवं दैनिक भास्कर के स्तंभ जीने की राह के लेखक पंडित विजय शंकर मेहता का। वे स्वतंत्रता सेनानी केवलचंद मोदी की स्मृति में सोमवार को शुरू हुए सात दिवसीय संगीतमयी शिवपुराण कथा के पहले दिन महेश शिक्षण संस्थान में बोल रहे थे। उन्होंने पहले दिन के सूत्र स्वयं को जानने की कला बताई। साथ ही शिवलिंग क्या है? ब्रह्मा, विष्णु व महेश में प्रधान कौन? के बारे में बताते हुए यज्ञ, भोग, भस्म, रुद्राक्ष, नारी मोह और सदाशिव के प्रकट होने के प्रसंगों की व्याख्या की।

शिवपुराण परिवार केंद्रित ग्रंथ

शिवपुराण में शंकरजी की महिमा, उनकी लीलाएं, कथा, पूजा पद्धति का वर्णन है। साथ ही उनके परिवार का अद्भुत वर्णन हैं। पति-पत्नी के रूप में शिव-पार्वती आदर्श हैं। उनकी संतान गणेश, कार्तिकेय और अंशावतार  हनुमान आज तक पूजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिवपुराण परिवार केंद्रित ग्रंथ है।

"हमारा परिवार-हमारा संसार' पर प्रवचन आज

आयोजक कैलाश मोदी ने बताया कि कथा के दूसरे दिन मंगलवार को "हमारा परिवार-हमारा संसार' पर प्रवचन होगा। परिवार में माता-पिता, ब्रह्ना और विष्णु की चर्चा की जाएगी। त्रिदेव, शिव पूजन, कुबेर की कथा, दक्ष द्वारा नारद काे श्राप, शंकर और सती का विवाह आदि प्रसंग की व्याख्या की जाएगी। उन्होंने बताया कि 19 अप्रैल तक प्रतिदिन शाम चार से सात बजे तक कथा का आयोजन होगा।
  

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