Tuesday, 15 September 2020

राजस्थान में कोरोना विस्फोट, मुख्यमंत्री गहलोत के गृह जिले में हालात बेकाबू

-प्रदेश में कोरोना घर-घर दस्तक दे चुका है। हर दस में से चार जने पॉजिटिव आ रहे हैं। मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में तो हालात बेकाबू हो गए हैं। यहां सितंबर के आधे महीने में 101 मौतें हो चुकी है और 5490 संक्रमित पाए गए। जोधपुर में अब तक 17905 संक्रमित हो चुके हैं और 265 मौतें हो चुकी हैं। राजस्थान में कुल संक्रमित 104138 पहुंच गए हैं और 1250 मौतें हो चुकी हैं। कोरोना से अब तक प्रदेश में 5 सांसद और 15 विधायक संक्रमित हो चुके हैं। जोधपुर में सोमवार को कर्मचारी नेता कृष्णमुरारी शर्मा और भाजपा के पूर्व महामंत्री गोपालराज सुराणा की मौत हो चुकी है। एक माह पहले कोरोना से ठीक हुए सांसद हनुमान बेनीवाल की 6 अगस्त से अब तक 3 रिपोर्ट निगेटिव और एक पॉजिटिव आ चुकी है।

-राखी पुरोहित-जोधपुर

राजस्थान कोरोना बम के निशाने पर हैं। संक्रमितों की संख्या और मौत की संख्या निरंतर बढ़ रही है। राजस्थान में पहले राजनीतिक घटनाक्रम चरम पर था और अब कोरोना महाविस्फोट की स्थित सामने आ रही है। सरकार पर से तो संकट टल गया, लेकिन कोरोना का संकट बढ़ता जा रहा है। हर दस में से चौथा व्यक्ति संक्रमित हो रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में परिस्थितियां विकट हो गई है। इतनी बुरी स्थिति होने के बावजूद लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। न तो सख्ती से मास्क पहनने पर जोर है और न ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो रही है। बीते दिनों मानसून की बरसात के बाद लोग घरों में बैठने की बजाय पिकनित स्पॉट पर पहुंच रहे हैं। दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है। सिटी बसों में यात्री ठूंस-ठूंस कर भरे जा रहे हैं। हम अपने आपको खतरे में डाल रहे हैं। पुलिस, प्रशासन, नगर निगम अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन लोगों को कोरोना का भय नहीं सता रहा है।

मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में तो हालात बेकाबू हो गए हैं। यहां सितंबर के आधे महीने में 101 मौतें हो चुकी है और 5490 संक्रमित पाए गए। जोधपुर में अब तक 17905 संक्रमित हो चुके हैं और 265 मौतें हो चुकी हैं। राजस्थान में कुल संक्रमित 104138 पहुंच गए हैं और 1250 मौतें हो चुकी हैं। कोरोना से अब तक प्रदेश में 5 सांसद और 15 विधायक संक्रमित हो चुके हैं। इन दिनों पंचायतीराज चुनाव की हलचल चल रही है। ऐसे में नेता सभाएं कर रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हालांकि कोरोना की बढ़ती स्थिति से चिंतित हैं, लेकिन कोरोना का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना काल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को सुबह पहली बार प्रदेश की जनता से सीधे रूबरू हुए। सीएम की पहल पर रणदीप गुलेरिया, देवी शेट्‌टी, एसके सरीन और नरेशन त्रेहान सहित देश के बड़े डॉक्टरों ने लोगों का मार्गदर्शन भी किया।

कोरोना आया था तो लॉकडाउन लाया था। हटा तो केस बढ़ रहे हैं। बाजार बंद करने का समय तय किया, मगर कोई फर्क नहीं पड़ा। वीकेंड पर भी पाबंदी काम नहीं आई। छह माह पहले जैसे हालात अब नहीं हो सकते। जिंदगी को पटरी पर भी लाना हे। काम-धंधे नहीं चलेंगे तो लोग यूं ही मर जाएंगे। खुद सचेत रहना होगा ओर कायदे मानने होंगे।

मास्क सख्ती या डर से नहीं स्वेच्छा से लगाना होगा। यह वेक्सीन जैसे काम करता हे। मास्क लगाने से न केवल कोरोना से बचेंगे वरन इम्युनिटी सिस्टम भी बनता रहेगा। यदि कोई मास्क लगाता हे ओर जाने-अनजाने में किसी संक्रमित के संपर्क में आता हे तो 95 प्रतिशत वायरस से बच सकता हे। बाकी 5 प्रतिशत वायरस यदि मास्क के माध्यम से आपके अंदर आ भी जाता है तो वह शरीर में एंटीबाॅडी डेवलप होने में मददगार साबित होता है। इसलिए मास्क लगाना वेक्सीन की तरह काम करता हे। प्रशासन को सख्ती से सार्वजनिक और खुली जगहरों पर नो मास्क नो एंट्री का नियम लागू करना होगा। इससे मास्क के प्रति जागरूकता आएगी। जो अभी चालान के डर से मास्क लगाता है वो इसे आदत बना लेगा। यदि 4 सप्ताह तक सभी लोग मास्क पहनें तो कोरोना को हराने में मदद मिलेगी। कोरोना दम घोंटकर मार रहा है। एक्स-रे भी इसे पकड़ने में इतना कारगर नहीं है। जयपुर में हर दिन 50 मरीजों की सीटी स्कैन हो रही है, जोधपुर में महज 15 ही सीटी स्केन करवा रहे हैं। वह भी इतने केस आने के बाद। कोरोना टेस्ट करवा लिया, पॉजिटिव आ गए और हो जाओ आइसोलेट। इतना काफी नहीं हैं। जिद करनी होगी। प्रशासन पर दबाव बनाना होगा कि जिसे भी दिक्कत है उसकी सीटी स्कैन करवाएं। इससे इलाज और जान बचाने में सहूलियत होगी। बुखार आ गया, टेस्ट कराया नहीं और 15 दिन निकाल दिए। ऑक्सीजन लेवल व पल्स देखी नहीं। सीटी स्कैन करवाया नहीं। जब सांस लेने में बहुत दिक्कत होने लगी तो अस्पताल पहुंचे। लोगों का रिएक्शन टाइम बढ़ता जा रहा है। पहले जो टेस्ट कराने दौड़ते थे, अब रुटीन में लेने लगे हैं। अस्पताल पहुंचने के 48 घंटै में 58 प्रतिशत लोगों की मौत हुई। आईएलआई ओपीडी का मतलब ही यही है कि खुद आगे आकर जांच करवाएं। जोधपुर कोरोना को लेकर कितना तैयार है, इसे जांचा तो सामने आया कि यहां के अस्पतालों में कुल बेड 1518 और भर्ती मरीज 429 है। कुल आईसीयू बेड 177 हैं और 146 भर्ती हैं। कुल वेंटिलेटर 120 हैं और भर्ती 37 हैं।

इधर संभाग में सर्वाधिक कोरोना मरीजों को भर्ती करने वाले शहर के मथुरादास माथुर अस्पताल कोरोना संक्रमित मरीजों को मार्च 2021 तक संभालने की तैयारी में जुट गया है। अस्पताल अधीक्षक की मानें तो सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक प्रतिमाह मरीजों की संख्या में 20 फीसदी वृद्धि हाे सकती है। इस लिहाज से मरीजों के लिए चद्दर, उनके सुबह की चाय से रात के खाने तक का इंतजाम अौर कोरोना से होने वाली मोतों के लिए बॉडी कवर चाहिए। इनकी खरीद पर करीब 96 लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण को जोधपुर को अगले सप्ताह 6 माह पूरे हो जाएंगे। बीते कुछ दिनों में जिले में पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा सैंपल के हिसाब से करीब 25 फीसदी तक पहुंच गया है। मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में मथुरादास माथुर अस्पताल ने अगले सात माह के लिए तैयारी शुरू कर दी है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. एमके आसेरी ने डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को 96 लाख का तकमीना बनाकर भेजा है।

इधर कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए वकीलों ने अब अधीनस्थ अदालतें बंद करने की मांग उठानी शुरू कर दी है। वकीलों ने राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी से लिखित में प्रतिवेदन पेश कर चीफ जस्टिस के समक्ष अदालतें बंद करने का प्रस्ताव रखने का आग्रह किया है। दूसरी ओर महानगर मोबाइल मजिस्ट्रेट व उनकी कोर्ट के तीन कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। उधर हाईकोर्ट प्रशासन ने एक परिपत्र जारी कर अधीनस्थ अदालतों में 1 अक्टूबर तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जरूरी मामलों की सुनवाई की व्यवस्था की है।

इधर प्रदेश में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ अब जांच रिपोर्ट पर भी भ्रम का संक्रमण हो गया है। एक माह पहले कोरोना से ठीक हुए नागौर से आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल की दो अलग-अलग जांच रिपोर्ट आई है। दिल्ली की रिपोर्ट में उन्हें पॉजिटिव जबकि जयपुर की रिपोर्ट में निगेटिव बताया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि किसे सही माना जाए? दरअसल सोमवार से शुरू हुए लोकसभा सत्र से पहले उन्होंने 11 सितंबर को लोकसभा परिसर में जांच कराई थी। 13 सितंबर को लोकसभा सचिवालय ने पॉजिटिव होने की सूचना दी। तब बेनीवाल जयपुर में थे। उन्होंने उसी दिन एसएमएस में दौबारा सैंपल दिए। सोमवार को उन्हें निगेटिव बताया गया। दूसरी तरफ कीचड़ में शंख बजाकर कोरोना को हराने का दावा करने वाले टोंक सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया भी अब कोरोना की यपेट में आ गए हैं।     

Saturday, 12 September 2020

गीत डीके पुरोहित (1) मंजिल मिली न रास्ता मिला... मंजिल मिली न रास्ता मिला अब कितना चलना बाकी है इस धूप का अंत कहां? सांझ को कितना ढलना बाकी है सोचा था कोई फरिश्ता आकर मुझको राह दिखाएगा सपनों को सच करने को मेरा साथ निभाएगा वक्त के अंगारों को जीवन में कितना सहना बाकी है मंजिल मिली न रास्ता मिला, अब कितना चलना बाकी है... जिस चौराहे से चला था फिर लौट वहीं पर आता हूं चलता ही जाता हूं मैं मगर थाह नहीं ले पाता हूं जीवन के इस अग्नि पथ पर कितना जलना बाकी है मंजिल मिली न रास्ता मिला, अब कितना चलना बाकी है यह कैसी भूलभुलैया है, कोई आकर मुझको समझाए मेरी बांह पकड़कर मुझको मंजिल तक जा पहुंचाए बहारों के इंतजार में पतझड़ से कितना लड़ना बाकी है मंजिल मिली न रास्ता मिला, अब कितना चलना बाकी है...

विधायक पंवार ने किया शहर का दौरा, समस्याएं सुनी, विकास कार्यों की नींव रखी जोधपुर । शहर विधायक मनीषा पंवार ने शहर के अनेक इलाकाें का दौरा कर लोगों की समस्याएं सुनीं। साथ ही उन्हाेंने कई विकास कार्याें की नींव भी रखी। विधायक ने सरस्वती नगर डी सेक्टर में टाइल्स लगाने का शुभारंभ किया। इस दौरान रामेश्वर गुर्जर, रामनिवास गोदारा, जगदीश भाटी आदि उपस्थित थे। इसी प्रकार विधायक ने भगत की कोठी के विजय नगर, सुभाष कोलॉनी की गली नंबर 1 में लाेगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान उन्हाेंने सीवरेज लाइन बिछाने का आश्वासन दिया। रातानाडा मेडिकल बाजार में विधायक का व्यापारियाें की ओर से स्वागत किया गया। साथ ही विधायक पंवार ने हाईफा हीरो पार्क व एयरफोर्स स्थित नूरानी मस्जिद के पास पॉवर हैंड पंप का उद्धाटन किया। विधायक ने झालामंड के खेता नगर व बनवाड़ियाें की ढाणी में जेडीए की ओर से करवाए जा रहे 36.12 लाख रुपए के सीवरेज कार्य का शिलान्यास भी किया।