Tuesday, 14 July 2020

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106 साल के संत सूरदास महाराज का देवलोकगमन


 
-106 वर्षीय संत सूरदास महाराज की देह पंच तत्व में विलीन हुई
हवेली संगीत के कीर्तनिया और पखावज वादक संत सांचोरा सूरदास महाराज का मंगलवार की अपराह्न 106 वर्ष की उम्र में निधन हुआ । उनके सैकड़ों शोकाकुल भक्त इस दुखद समाचार से स्तब्ध रह गए । उन्होंने अंध महाविद्यालय , देहरादून से संगीत और ज्योतिष की प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी । 50 वर्षों तक उन्होंने चौपासनी के पुष्टिमार्गीय श्याम मनोहर प्रभु के मंदिर में कीर्तनिया के रूप में अपनी सेवाएं दीं । हवेली गायकी और पखावज वादन के वे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाविद थे । संस्कृत साहित्य के विद्वान, ज्योतिषाचार्य, संगीतकार सूरदास मगराज जी महाराज ने आज अपने चौपासनी ग्राम स्थित आवास में अंतिम सांस ली । सरल हृदयी सूरदास जी आजीवन ब्रह्मचारी थे । अपनी सहज विद्वता और संगीत -सिद्ध होने के कारण आमजन में वे बेहद लोकप्रिय होने के साथ अनेक राजनीतिज्ञों, प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षाविदों आदि में भी बहुत सम्मान के साथ याद किये जाते थे । गुरु पूर्णिमा के अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से उनके भक्त दर्शनार्थ उपस्थित होते थे । इस वर्ष कोरोना के कारण उनके सैकड़ों भक्तों ने उनसे मोबाइल पर सम्पर्क कर आशीर्वाद लिया । जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज उनके निधन पर शोक अभिव्यक्त किया । संत सूरदास जी महाराज पर अनेक कार्यक्रमों का निर्माण हो चुका है । वे आकाशवाणी के ए-ग्रेड कलाकार रह चुके थे । उन पर बनी लघु फ़िल्म "रमता जोगी" बहुचर्चित रही।

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