Tuesday, 5 April 2016

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सभी पुरुष एक बार इसे अवश्य पढ़ गर्व की अनुभूति प्राप्त करें

सैन मदन सोलीवाल (असावरी)

पुरुष का श्रृंगार तो स्वयं प्रकृति ने किया है...

स्त्रियां कांच का टुकड़ा है...जो मेकअप की रोशनी पड़ने पर ही चमकती है..
किंतु पुरुष हीरा है जो अंधेरे में भी चमकता है और उसे मेकअप की कोई आवश्यकता नहीं होती।

खूबसूरत मोर होता है मोरनी नहीं... मोर रंग-बिरंगा और हरे नीले रंग से सुशोभित... जबकि मोरनी काली सफ़ेद...मोर के पंख होते हैं इसीलिए उन्हें मोरपंख कहते हैं...मोरनी के पंख नहीं होते...

दांत हाथी के होते हैं, हथिनी के नहीं। हांथी के दांत बेशकीमती होते हैं। नर हाथी मादा हाथी के मुकाबले बहुत खूबसूरत होता है।

कस्तूरी नर हिरन में पाई जाती है, मादा हिरन में नहीं। नर हिरन मादा हिरन के मुकाबले बहुत सुंदर होता है।

मणि नाग के पास होती है, नागिन के पास नहीं। नागिन ऐसे नागों की दीवानी होती है, जिनके पास मणि होती है।

रत्न महासागर में पाए जाते हैं, नदियों में नहीं...और अंत में नदियों को उसी महासागर में गिरना पड़ता है।

वैसे ही मनुष्यों में बुद्धि विवेक और बल मर्दों के पास होता है औरतों के पास नहीं.. 

संसार की बेशकीमती तत्व इस प्रकृति ने पुरुषों को सौंपे...

प्रकृति ने पुरुष के साथ अन्याय नहीं किया.... 9 महीने स्त्री के गर्भ में रहने के बावजूद भी औलाद का चेहरा व स्वाभाव पिता की तरह होना, ये संसार का सबसे बड़ा आश्चर्य है... क्योंकि पुरुष का श्रृंगार प्रकृति ने करके भेजा है,उसे श्रंृगार की आवश्यकता नहीं......


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