Sunday, 17 April 2016

गुरु तकदीर लिखते हैं, गुरु ही पीर हरते हैं...






-जैन हास्य कवि सम्मेलन में कवियों ने रचनाओं के माध्यम से समां बांध दिया

वर्ल्ड स्ट्रीट। जोधपुर 

श्री जैन युवक दल शांतिपुरा  की ओर से रविवार को आयोजित जैन हास्य कवि सम्मेलन में कवियों ने भगवान महावीर के आदर्शों पर आधारित और देशभक्ति से ओतप्रोत कविताएं प्रस्तुत कर पांडाल में बैठे लोगों का मन मोह लिया।
भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव के पांच दिवसीय कार्यक्रमों की कड़ी में रविवार को सुबह पावटा स्थित महावीर उद्यान में ध्वजारोहण के साथ  आगाज हुआ। महोत्सव के तहत सरदार चिल्ड्रन स्कूल के प्रांगण में आयाेजित हास्य कवि सम्मेलन में कवियों ने खूब गुदगुदाया। कवयित्री अर्चना अर्चन ने जन्म लिया प्यारे भारत देश में, सबसे पहले उस तकदीर को प्रणाम है...और झर-झर झरना ज्यों नेह बरसाता है, ऐसे भगवान महावीर को प्रणाम... प्रस्तुत कर वाह-वाही लूटी। माधुरी किरण ने गुरु तकदीर लिखते हैं, गुरु ही पीर हरते हैं और जिस हिंसक शेर को मानव बनाया, उसे महावीर कहते है की रोचक प्रस्तुति दी।







त्रिशला मा थारो लाडलो....ने समां बांधा

शाम को पावटा महावीर उद्यान में ‘एक शाम भगवान महावीर के नाम’ भंजन संध्या का आयोजन किया गया। देवेश जैन ने त्रिशला मा थारो लाडलो... जैसे कई भजन प्रस्तुत किए। अतिथि शहर विधायक कैलाश भंसाली, समाजसेवी श्याम कुंभट, विमलराज सिंघवी, उप महापौर देवेंद्र सालेचा थे। भजन संध्या महोत्सव समिति के अध्यक्ष राजेंद्र मेहता, सचिव तरुण कटारिया, कानराज मोहनोत, भीकमचंद मेहता, दिलीप बाफना, संदीप सिंघवी, अभय जैन, बीएसएनल के अधिकारी पंकज भंडारी, राजीव पटवा, सचिन भंडारी, अमर गोलिया, नीतेश जैन, लखपतराज मेहता, सतीश भंडारी व ललित गांधी सहित अनेक लोग उपस्थित थे।







व्यंग्य रचनाओं ने गुदगुदाया

जयपुर से आए कवि संपत सरल ने राजनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मोदी जी विकास का एजेंडा कहकर आए थे... कुर्सी मिलते ही खुद के विकास में लग गए...। अशोक भाटी ने देश व पुलिस पर अपनी कविता सुनाई। सुरेंद्र यादवेंंद्र सहित अन्य कवियों ने भी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में जैन युवक दल के पंकज राकां, गौरव बोथरा, अशोक रांका, मीठालाल बालड़ा, नरेंद्र गुलेच्छा, अनिल छाजेड़, दिनेश बाफना, महावीर कवाड़, अनिल छाजेड़, नारायणलाल चौपड़ा, संपत गुलेच्छा, लक्की सांखला, पीयूष बोथरा, दीपक कोचर, संजय भंडारी, रवि कर्णावट व मनीष छाजेड़ सहित अनेक लोग उपस्थित थे। संगठन के अध्यक्ष धीरज रांका ने आभार जताया।





Tuesday, 5 April 2016

सभी पुरुष एक बार इसे अवश्य पढ़ गर्व की अनुभूति प्राप्त करें

सैन मदन सोलीवाल (असावरी)

पुरुष का श्रृंगार तो स्वयं प्रकृति ने किया है...

स्त्रियां कांच का टुकड़ा है...जो मेकअप की रोशनी पड़ने पर ही चमकती है..
किंतु पुरुष हीरा है जो अंधेरे में भी चमकता है और उसे मेकअप की कोई आवश्यकता नहीं होती।

खूबसूरत मोर होता है मोरनी नहीं... मोर रंग-बिरंगा और हरे नीले रंग से सुशोभित... जबकि मोरनी काली सफ़ेद...मोर के पंख होते हैं इसीलिए उन्हें मोरपंख कहते हैं...मोरनी के पंख नहीं होते...

दांत हाथी के होते हैं, हथिनी के नहीं। हांथी के दांत बेशकीमती होते हैं। नर हाथी मादा हाथी के मुकाबले बहुत खूबसूरत होता है।

कस्तूरी नर हिरन में पाई जाती है, मादा हिरन में नहीं। नर हिरन मादा हिरन के मुकाबले बहुत सुंदर होता है।

मणि नाग के पास होती है, नागिन के पास नहीं। नागिन ऐसे नागों की दीवानी होती है, जिनके पास मणि होती है।

रत्न महासागर में पाए जाते हैं, नदियों में नहीं...और अंत में नदियों को उसी महासागर में गिरना पड़ता है।

वैसे ही मनुष्यों में बुद्धि विवेक और बल मर्दों के पास होता है औरतों के पास नहीं.. 

संसार की बेशकीमती तत्व इस प्रकृति ने पुरुषों को सौंपे...

प्रकृति ने पुरुष के साथ अन्याय नहीं किया.... 9 महीने स्त्री के गर्भ में रहने के बावजूद भी औलाद का चेहरा व स्वाभाव पिता की तरह होना, ये संसार का सबसे बड़ा आश्चर्य है... क्योंकि पुरुष का श्रृंगार प्रकृति ने करके भेजा है,उसे श्रंृगार की आवश्यकता नहीं......