पाकिस्तान से डीके पुरोहित
पाकिस्तान में मादक पदार्थों की बिक्री नए अंदाज में हो रही है। पान की
दुकानों और थड़ी पर माचिस में अफीम भरकर शातिर बेच रहे हैं। इस माचिस की कीमत 400 से
500 रुपए होती है। ये दुकान वाले अपने परिचित और स्थाई ग्राहकों को अफीम की माचिस के
माध्यम से सप्लाई करते हैं।
यहां बड़े छोटे सभी शहरों में माचिस में अफीम बेचने का सिलसिला पिछले दस
साल से चल रहा है। कराची की जेल में भी कैदियों को माचिस के माध्यम से अफीम सप्लाई
कर रहे हैं। इसके पैसे कैदियों के परिजन वहन करते हैं। कभी भी परिजन जेब में माचिस
और बीडी-सिगरेट लेकर जाते हैं और जेल में कैदियों को अफीम की डोज पहुंचा देते हैं।
इस प्रक्रिया में जेल के कर्मचारी भी मिले हुए हैं।
माचिस के जरिए अफीम बेचने का सिलसिला ऐसा चल पड़ा है कि नाई, धोबी, ठेले
वाला और किराणा व्यापारी भी अफीम चोरी-छुपे बेच रहे हैं। वहां माचिस पर किसी को शक
न हो इसलिए बीडी सिगरेट भी जेब में रखते हैं। यही नहीं अब तो ट्रांसपोर्ट में भी माचिस
की डिबिया में अफीम भरकर पैक कर सप्लाई की जा रही है।
जोधपुर जेल में
भी माचिस के जरिए हो रही अफीम की सप्लाई :
पाकिस्तान ही नहीं भारत के जोधपुर में सेंट्रल जेल में कैदियों को माचिस
के माध्यम से अफीम की सप्लाई हो रही है। आसाराम को हर तीसरे दिन माचिस के जरिए अफीम
पहुंचाई जा रही है। अन्य कैदी भी चुपचाप अफीम मंगवा रहे हैं। आसाराम जोधपुर जेल में
बंद है और सर्दी में बॉडी को फिट रखने के लिए माचिस के माध्यम से अफीम मंगवा रहा है।