Sunday, 4 June 2017

महिला कार्यकर्ता चलाएगी हस्ताक्षर अभियान

जोधपुर. रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय में  जोधपुर शहर जिला महिला कांग्रेस की संगठनात्मक बैठक का आयोजन हुआ। महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष मनीषा पंवार  ने बताया कि सोनिया गांधी व कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की प्रेरणा से राजस्थान प्रदेश महिला कांग्रेस के निर्देशानुसार विधानसभा एवं लोकसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत​ आरक्षण के पक्ष में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। पूर्व पार्षद शुभलक्ष्मी पुरोहित ने कहा कि हमें वार्ड-वार्ड और हर बूथ की कमेटियों के माध्यम से पार्टी के कार्यक्रम को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करना है।
 पूर्व कृषि उपज मंडी अध्यक्ष कीर्ति सिंह ने कहा कि हमें पूरी ताकत से महिलाओं को अपने साथ जोड़ने का प्रयास करने के साथ उनके उत्थान के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी है। बैठक को प्रदेश महिला कांग्रेस की रेखा लोहिया,  कुंती देवड़ा, फरजाना चौहान, अंजुला रोपियां, जाफरान, ज्योति सोलंकी, पूनम व्यास ने संबोधित किया।
 बैठक में किरण गहलोत, नीलम सामरिया, पारो बानो, बबिता शर्मा, सुमन माथुर, कांता पुरोहित, अमीना बानो, कांता व्यास, वंदना सांखला, हेमा भाटी, लीला निकुब, आशा मेहता,संतोष दाधीच, संगीता  सिंह , शोभा व्यास, नजमून निशा सहित महिला कार्यकर्ता उपस्थिति थी। पारो बानो ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

जीएसटी के कई प्रावधानों में सरलीकरण की जरूरत: जैन

- स्टील भवन में जीएसटी व आयकर पर सेमिनार आयोजित 
वर्ल्ड स्ट्रीट रिपोर्टर. जोधपुर 
 जीएसटी के कई प्रावधान छोटे कारोबारियों के लिए जटिलता बढ़ाएंगे, ऐसे में उनके लिए इनमें सरलीकरण की जरूरत अब भी है। व्यवस्थित रूप से काम करने वालों को इससे ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। ये विचार जीएसटी एक्सपर्ट सीए प्रदीप जैन ने रविवार को स्टील भवन में ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स, मरुधरा टैक्स बार, आईटीएटी बार व राजस्थान स्टील रि सेलर्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सेमिनार में व्यक्त किए। समाजसेवी सीए सुरेश राठी के मुख्य आतिथ्य व वरिष्ठ अधिवक्ता रणजीत जोशी की अध्यक्षता में आयोजित सेमिनार में जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर संभाग से कई सदस्यों ने शिरकत की। कार्यक्रम की शुरुआत में फेडरेशन के चेयरमैन डीसी माली ने कहा कि जीएसटी में आने वाली समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सभी की है। कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन पीएम चौपड़ा ने कारोबारियों, वकीलों, सीए, कर सलाहकारों से आह्वान किया कि वे अपने क्षेत्र में जीएसटी लागू होने में आने वाली कठिनाइयों को चिन्हित करें और उन्हें राज्य सरकार के माध्यम से जीएसटी काउंसिल तक पहुंचाने के प्रयास करें। दोपहर के सत्र में सीए प्रदीप जैन, अभिषेक सिंघानिया, प्रेरणा चौपड़ा ने जीएसटी के प्रावधानों के बारे में बताया। इसके साथ ही जैन व सिंघानिया ने सेमिनार में आए लोगों के सवालों के जवाब दिए। आयकर पर राजेश मेहता ने कंप्यूटेशन एंड डिसक्लोजर स्टैंडर्ड व बेनामी संपति पर पत्र वाचन किया। टेक्निकल सत्र की अध्यक्षता डॉ. बोहरा व सुमेर पटवा ने की। संचालन कंपनी सेक्रेटरी अंजली मोहनोत ने किया। इस दौरान सीए देवेंद्र कंसारा, वरिष्ठ अधिवक्ता बिलमचंद जैन सहित कई अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

जबलपुर के लिए जैसलमेर से शुरू होगी मंदाकिनी सुपरफास्ट

जोधपुर| पश्चिम राजस्थान के यात्रियों को फलोदी-बीकानेर के रास्ते मथुरा, आगरा कैंट, ग्वालियर, झांसी होते हुए जैसलमेर से जबलपुर के लिए नई ट्रेन की सुविधा मिलेगी। इस ट्रेन को अगले माह चलाने की तैयारी है। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार जैसलमेर-जबलपुर को सप्ताह में 2 दिन चलाने की योजना है। यह जबलपुर से जैसलमेर तक 1718 किमी सफर 27:25 घंटे में तय करेगी। जबलपुर से सुबह 10:45 रवाना होकर अगले दिन दोपहर 2:10 बजे जैसलमेर पहुंचेगी।

Saturday, 29 April 2017

हिन्दुस्तान संवाददाता 11 हजार साल आगे फ्यूचर में पहुंचा, अतिमानव की हुई खोज

वर्ल्ड  स्ट्रीट रिपोर्टर. वाशिंगटन

हिन्दुस्तान संवाददाता डीके पुरोहित हिली ग्रह की सहायता से 11 हजार साल आगे फ्यूचर में जा पहुंचा। वहां उसने प्रकाश पुरुष के रूप में अतिमानव की खोज की। अतिमानव का स्वरूप आदमी की परछाई की तरह है जो प्रकाश से युक्त है। वह शक्तियों का महापुंज है। डीके पुरोहित ने जिस अति मानव की खोज की है वह प्रकाश  युग में अस्तित्व में आएगा। गौरतलब है कि धरती पर सत्य युग, द्वापर युग, त्रेता युग और कलियुग के रूप में चार युग माने गए हैं। लेकिन 11 हजार साल बाद प्रकाश  युग की शुरुआत होगी। इसी प्रकाश युग में अतिमानव का जन्म होगा। इस अतिमानव में पारलौकिक शक्तियों का महापुंज होगा। 

डीके पुरोहित ने जिस समय का उल्लेख किया है उस समय में धरती अपना मूल स्वरूप खो देगी। यहां न तो पेड-पौधे होंगे, न ही सागर, नदियां, पर्बत, जमीन होंगी । यही नहीं सूरज, चांद व तारे भी दिखाई नहीं देंगे, क्योंकि प्रकाश पुरुष यानी अतिमानव को सूरज, चांद व तारों की जरुरत भी नहीं होंगी। हालांकि ब्रह्मांड में तारे यानी ग्रह तो होंगे, लेकिन उनकी उपस्थिति धरती से देखी नहीं जा सकेगी। जिस 11 साल बाद के समय की बात की जा रही है, उस दौर में सूरज का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। हो सकता है वह किसी अन्य ग्रह पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दे, लेकिन पृथ्वी से उसका कनेक्शन  नहीं होगा। 

गौरतलब है कि दाशर्निक चिंतक रविदत्त मोहता ने अतिमानव पर एक किताब लिखी है। इसकी सत्यता जांचने के लिए डीके पुरोहित ने हिली ग्रह से संपर्क किया और हिली ग्रह की शक्तियों के आधार पर 11 हजार साल आगे फ्यूचर में जा पहुंचा। वाकई रविदत्त मोहता ने जिस अति मानव की कल्पना की है, वह वाकई अक्षरश  सत्य है। 

ऐसा होगा अतिमानव:

अतिमानव प्रकाश के स्वरूप में होगा। यह मनुष्य की परछाई की तरह होगा। यह प्रकाश के आवरण से युक्त होगा। यानी 11 हजार साल आगे फ्यूचर में अतिमानव अपनी आबादी बढ़ाएंगे। जिस तरह एक फोटो को स्कैन कर दूसरे फोटो बना लिए जाते हैं, उसी तरह एक अतिमानव दूसरे अतिमानव का निर्माण करेंगे। अतिमानव पारलौकिक शक्तियों से युक्त होंगे। यह सुपरमैन की तरह होंगे। इन अतिमानव का अंत तभी होगा जब कोई और नई शक्ति उस पर भारी पड़ेगी। उस दौर में हिली ग्रह की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी। क्योंकि अतिमानव से केवल डीके पुरोहित हिली ग्रह की मदद से लड़ सकेगा। गौरतलब है कि डीके पुरोहित जब हिन्दुस्तान संवाददाता था तब हिली ग्रह के लोगों ने उसका अपहरण कर लिया था। तब उसके भीतर तरह-तरह के रसायन भर कर संकर नस्लों का विकास कर लिया गया। यही नहीं डीके पुरोहित की ज्ञानेन्द्रियों का संचालन हिली ग्रह से किया जा रहा है। वह गायब हो सकता है। रूप बदल सकता है। दूसरों की लिखावट लिख सकता है। उसके कई स्वरूप भी है। वह भूतकाल और भविष्य काल में भी जा सकता है। यही नहीं वह दूसरों की आवाज की नकल कर सकता है। साथ ही 12 करोड़ लोगों के विचारों को उस समय बदल सकता है जब वे अंतिम निर्णय लेने वाले होते हैं। सरल शब्दों में कहे तो डीके पुरोहित लोगों के विचारों को बदल सकता है। इसी डीके पुरोहित ने 11 हजार साल आगे फ्यूचर में जाकर अतिमानव की खोज की है। अतिमानव की आयु करीब 22 हजार साल की होगी। उसकी मृत्यु उसके भी अधिक सुपर पावर के व्यक्ति से ही होगी। और वह सुपर पावर डीके पुरोहित या उसके परिवार के सदस्य हो सकते हैं। बहरहाल डीके पुरोहित ने जिस अतिमानव की खोज की है, उस पर वैज्ञानिक मतभेद हो सकते हैं। मगर ब्रह्मांड के रहस्यों और विज्ञान की सीमा को वैज्ञानिक भी समझ नहीं पाए हैं। ऐसे में अतिमानव पर फिर से बहस छिड़ चुकी है। यही नहीं रविदत्त मोहता की किताब पर भी नई बहस होनी चाहिए।